स्टेट हाइवे पर एक घंटे लगाया जाम, किया प्रदर्शन

ओवर लोड डम्पर व धूल के गुबार से होती परेशानी, वाहनों की लगी कतार
 

<p>स्टेट हाइवे पर एक घंटे लगाया जाम, किया प्रदर्शन</p>
लवाण . स्टेट हाइवे 2 की क्षतिग्रस्त सड़क पर भारी वाहनों के गुजरने से उड़ती धूल से परेशान लोगों ने मंगलवार को करीब एक घंटे तक बाड्या की ढाणी के पास जाम लगाकर प्रदर्शन किया। इससे दो किलोमीटर तक वाहनों की लम्बी कतारें लग गई। इसमें कुछ वाहन चालक तो खानपुरा होकर निकल गए। सूचना के एक घंटे बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को समझाकर जाम को खुलवाया और यातायात सुचारू कराया। ग्रामीणों ने बताया कि भूड़ला से लवाण सीएचसी तक सड़क बिलकुल क्षतिग्रस्त हो गई। डामर का नामोनिशान मिट गया। भारी वाहनों के गुजरने पर धूल के उठते गुबार से उसके पीछे निकलना मुश्किल हो गया है।
धूल के गुबार से कई जने दमा के शिकार भी हो गए हैं। स्टेट हाइवे के पास की ढाणियों के मकानों में धूल की परत जम जाती है, वहीं फसल भी धूल से सफेद हो गई है। कई बार अवगत कराने के बाद भी सार्वजनिक निर्माण विभाग ने न तो सड़क बनाई और ना ही कभी पानी का छिड़काव किया।
मुख्यमंत्री के आदेशों की भी नहीं हो रही पालना
कांग्रेस की जिला महामंत्री भावना सैनी ने बताया कि क्षतिग्रस्त सड़क के बारे में कई बार अधिकारियों को अवगत करा दिया, लेकिन ध्यान नहीं देने से समस्या जस की तस बनी हुई है। दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाइवे का इन दिनों निर्माण चल रहा है। ऐसे में करीब पांच सौ से अधिक डम्पर दिन रात इसी स्टेट हाइवे से पत्थर लेकर गुजरते हैं। इस बारे में 6 अक्टूबर 2020 को जयपुर में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने पर जिला कलक्टर को समस्या समाधान के निर्देश भी दे दिए, लेकिन अभी तक ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि सड़कों का निर्माण नहीं होने तक डम्परों को नहीं रोका गया तो वे स्टेट हाइवे को ही जेसीबी से खोदकर जनआन्दोलन करने को मजबूर होंगे।
सात माह बाद भी नहीं हुई पुलिया चालू
कस्बे में ओवरलोड वाहनों से ही दौसा-चाकसू स्टेट हाइवे की पुलिया भी टूट गई थी। राजकीय अम्बेडकर भवन के सामने बनी पुलिया भी ओवरलोड डम्पर से क्षतिग्रस्त होने लगी है। पुलिया में दरार आने से कभी भी अनहोनी हो सकती है। कार्यवाहक तहसीलदार नवल किशोर शर्मा, पटवारी दीपक शर्मा और गिरधावर मनमोहन मीणा ने बताया कि ग्रामीणों की समस्या का त्वरित निस्तारण किया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा।
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