‘गर्म है कोरोना का टीका, दो साल में मर जाएंगे, हमें लगाने आए तो पीट डालेंगे’

अफवाहों के शिकंजे में गांव के लोग : सिंधवारी, सेमई सहित कई गांवों में पहुंची टीम
हर तीसरे व्यक्ति ने कहा- हम नहीं लगाएंगे कोरोना वैक्सीन
राजस्व और स्वास्थ्य की टीमों ने समझाइश देकर लगवाए टीके

<p>‘गर्म है कोरोना का टीका, दो साल में मर जाएंगे, हमें लगाने आए तो पीट डालेंगे’</p>
दतिया. कोरोना संक्रमण भले ही फिलहाल खात्मे की ओर है, जिले में एक्टिव केस की संख्या बहुत ही कम बची है। कोरोना के टीके लगाने का काम बदस्तूर जारी है ताकि आगे भी किसी को कोरोना संक्रमण न हो, लेकिन टीके से बचने के लिए लोग अजब-गजब बहाने बना रहे हैं। कोई कह रहा है टीका लगने के दो साल बाद मर जाते हैं तो कोई कह रहा है मैं बीमार हूं, इसलिए टीका नहीं लगवा रहा हूं। राजस्व स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास की टीमों ने इन सब अफवाहों पर पर्दा डालते हुए उन्हें टीके लगवाए।
जिले में कोरोना टीकाकरण भले ही पिछले 5 महीने से चल रहा है, लेकिन इसकी गति कछुआ की तरह रही। अभी कुछ दिन पहले तक 50 फीसदी लोगों को भी टीके नहीं लग सके थे। इस मामले को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया। राजस्व, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास विभाग समेत अन्य विभागों के अधिकारियों को कलेक्टर निर्देशित किया कि टीकाकरण की गति बढ़ाई जाए। इसी के तहत अब ज्यादा टीके लगने लगे हैं। शहरों में तो ठीक पर गांवों में इससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं। मैदानी स्टाफ ने जब मामले की जानकारी अधिकारियों को दी तो सोमवार को जिले के अधिकारियों की टीम सिंधवारी, सेमई समेत अन्य गांवों में पहुंची। उनके सामने भी यही स्थिति आई। गांव वालों से घर-घर जाकर पूछा कि हर चार में से तीन का कहना था कि टीका लगवाने से दो साल में मर जाते हैं। कुछ का कहना था कि बीमार हो जाते हैं तो कई ने यही बहाना बनाया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है, उन्हें डॉक्टर ने टीका लगवाने से मना किया है। जब उनसे डॉक्टरों का नाम पूछा गया तो वह नहीं बता सके। इसके बाद अधिकारियों ने समझाया और टीके लगवाए।
एक ही दिन में खत्म हुए डोज

सोमवार को यूं तो जिले में केवल चार हजार चार सौ डोज बचे हुए थे। इन डोज को खत्म करना मुश्किल हो रहा था, लेकिन स्वास्थ्य, राजस्व विभाग के अधिकारी इन गांव में पहुंचे तहसीलदार नायब तहसीलदार, राजस्व, निरीक्षक, पटवारी, पंचायत सचिव जीआरएस, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से घर-घर जाकर समझाया और टीके लगवा दिए। सोमवार को टीकाकरण के लिए ६० सत्र लगाए गए थे। इनमें जिले के सिंधवारी, कामद, बडोखरी, सरसई, सेमई , अस्टोट आदि गांव शामिल थे।
इकट्ठा होकर किया इनकार

कामद केन्द्र पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को उस वक्त परेशानी खड़ी हो गई जब गांव के सभी लोगों ने इकट्ठा होकर टीका लगवाने से मना कर दिया। ग्रामीण दशरथ का कहना था कि जो हमारे पास टीका लगाने आएगा उसे पीटेंगे। चंदू व अमर ने कहा कि मरने का खतरा है। लोगों ने कहा टीका बहुत गर्म होता है हम नहीं लगवाएंगे।
लोग बहाने बना रहे हैं

गांवों में लोग टीका से बचने के लिए तमाम तरह के बहाने बना रहे हैं। अधिकांश लोग कह रहे हैं कि टीका लगने से लोग मर जाते हैं। फिर भी अधिकारी-कर्मचारियों की समझाइश के बाद अधिकांश डोज लगा दिए।
डॉ. डीके सोनी, जिला टीकाकरण अधिकारी
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