अजब-गजब : मेडिकल कॉलेज में भर्ती लोग 50 किमी दूर चला रहे थे लाठी-डंडे!

खिरियाघाट गांव निवासी व्यक्ति पर 7 लोगों ने किया था हमला, भांडेर पुलिस ने सच्चाई जानने के लिए डीन से मांगे दस्तावेज

<p>अजब-गजब : मेडिकल कॉलेज में भर्ती लोग 50 किमी दूर चला रहे थे लाठी-डंडे!</p>
दतिया. एक ही समय में अस्पताल में भर्ती लोग 50 किलोमीटर दूर जाकर लाठी डंडे चला रहे हैं। यह सुनने में जरूर अजीब लग रहा है, लेकिन वीडियो के हिसाब से तो सत्य है। झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज भांडेर थाना क्षेत्र के खिरिया घाट में लाठी-डंडे चला रहे थे। पीडि़त को उन्होंने मरणासन्न भी किया। खास बात यह है कि इन्हीं आरोपियों में से एक ने वीडियो भी बना लिया। सवाल यह है कि जब वे वारदात में शामिल थे तो अस्पताल में भर्ती कैसे दिख रहे हैं।
हुआ यंू कि भांडेर थाना क्षेत्र के खिरियाघाट गांव निवासी अशोक यादव पर २० जून को गांव के ही 7 लोगों ने प्राणघातक हमला किया था। लाठी-डंडे व कुल्हाड़ी से किए गए हमले के दौरान इन्हीं सात में से एक व्यक्ति ने वीडियो बनाया। वही वीडियो वायरल हुआ और इसमें सामने आया कि वीडियो में वे लोग भी शामिल हैं जो कि वारदात के वक्त झांसी के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भर्ती दिखाए गए हैं। एक बार में एक आदमी एक ही जगह रह सकता है, इसलिए साफ जाहिर है कि तीन आरोपियों ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की सांठ-गांठ से कूटरचित दस्तावेज बनवाए होंगे।
यह लोग थे नामजद आरोपी

20 जून को भांडेर थाना क्षेत्र के खिरियाघाट गांव में गांव के अशोक यादव पर 7 लोगों ने हमला किया था। उसी दिन सौरभ यादव, राधाशरण यादव, ध्रुव परिहार और विवेक नामजद हुए थे। आरोप है कि इन्होंने लाठी-डंडे और कुल्हाड़ी से हमला कर अशोक यादव को मरणासन्न किया था। 10 दिन बाद जब नए थाना प्रभारी रवींद्र सिंह गुर्जर ने प्रभार संभाला तो उन्हें मामला संदिग्ध लगा और वीडियो के आधार पर उन्होंने सर्वेश यादव, हरिवल्लभ यादव और एक अन्य युवक सौरभ को नामजद किया।
वॉट्सऐप पर भेजा डिस्चार्ज सर्टिफिकेट

मामले का खुलासा तब हुआ जब थाना प्रभारी की टीम बाद में बढ़ाए गए आरोपियों को गिरफ्तार करने पहुंची। सर्वेश यादव, हरिवल्लभ और सौरभ ने उन्हें वॉट्सएेप पर मेडिकल कॉलेज के दस्तावेज भेजे जिसमें दिखाया गया था कि वह 19, 20 और 21 जून को खांसी, बुखार, जुकाम का इलाज करा रहे थे। शक होने पर थाना प्रभारी ने झांसी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. सेंगर से संपर्क किया। उन्होंनेजांच के लिए चिकित्सा अधीक्षक को जिम्मेदारी सौंपी। इस बारे में कॉलेज के डीन से कई बार मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की पर कॉल रिसीव नहीं किया गया।
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