इस दौरान भगवान बालाजी रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं। लोगों द्वारा जगह-जगह आरती की जाती है, लेकिन कोविड गाइड लाइन की वजह से प्रशासन द्वारा पिछले सालों की तरह इस साल भी मंदिर परिसर में ही रथयात्रा निकालने की अनुमति दी थी। शाम करीब छह बजे पूजा-अर्चना व आरती के पश्चात भगवान बालाजी को रथ पर विराजमान किया गया। विराजमान होते ही रिमझिम फुहार पडऩा शुरू हो गई।
भीड़ को नहीं रोक पाया प्रशासन रथयात्रा का आयोजन औपचारिक रूप से पंडे-पुजारियों व मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों की उपस्थिति में होना था, लेकिन प्रशासन द्वारा भीड़ को रोकने के लिए आवश्यक इंतजाम न किए जाने की वजह से मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। रथयात्रा के दौरान प्रशासन की अनदेखी की बजह से सोशल डिस्टेंस और कोविड गाइड लाइन का उल्लंघन हुआ। इस दौरान अधिकांश लोग बिना मास्क के नजर आए।