अब किसान बखरने लगे खड़ी सोयाबीन की फसल

समय पर बारिश न होने पर भारी नुकसान

<p>Now the farmers started shaking the standing soybean crop</p>
खड़ेरी. बटियागढ़ ब्लॉक के किसान अब ट्रैक्टरों से सोयाबीन की खड़ी फसल बखर रहे हैं। इससे पहले जबेरा ब्लॉक में किसानों ने धान की फसल बखर दी थी। किसानों का कहना है कि जब बारिश की जरुरत थी तब पानी नहीं गिरा, अब फसलों में फलियां भी नहीं आई तो खेत बखरने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
बटियागढ़ तहसील के लड़ाई बम्हौरी गांव में सोयाबीन की फसल की फलियां न आने के कारण परेशान किसानों ने सोयाबीन की खड़ी फसल पर ही ट्रैक्टर चला दिया है। इस साल बुवाई के बाद सोयाबीन की फसलें आती तो दिखीं, लेकिन जब फसलों में फूल आने का समय हुआ तो बारिश नहीं हुआ जिसका नतीजा यह निकला कि फलियां न आने से किसानों ने ट्रैक्टर चलाकर बखरनी शुरू कर दी है। ताकि आगामी रबी सीजन की फसल की बोवनी समय पर कर सकें।
25 एकड़ पर चलाया रोटावेटर
बटियागढ़ तहसील के लड़ाई बम्होरी गांव के रहने वाले किसान द्वारका सिंह ने बताया कि बारिश न होने से फलियां नहीं आई हैं। इसलिए रोटावेटर से अपनी 25 एकड़ की सोयाबीन की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया है। सोयाबीन की बखरनी से बोवनी तक लाखों रुपए की लागत आई थी। जो बर्बाद हो गई है।
दवाओं व मजदूरी का खर्च बेकार
किसानों का कहना है कि सोयाबीन की फसल बचाने के लिए उन्होंने महंगी दवाओं का छिड़काव किया। खरपतरवार की निंदाई के लिए मजदूरों को लगाया, लेकिन समय से बारिश न होने से पूरा खेल बिगड़ गया और जो दांव लगाया था, वह हम सभी किसान हार चुके हैं, इसलिए अब खेत बखरने के सिवाए कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।
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