सरकार से सवालः ‘चुनाव हैं जहां, कोरोना वायरस नहीं आता वहां’

– एमपी के 51 जिलों में कोरोना कर्फ्यू पर चुनाव जरूरी है- सरकार ने चुनाव के चलते दमोह में नहीं लगाया कर्फ्यू

दमोह. ‘चुनाव हैं जहां, कोरोना वायरस नहीं आता वहां’ ऐसी ही कुछ पंक्तियां सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। हों भी क्यों न, सरकार ने विधानसभा उपचुनाव वाले दमोह में लॉकडाउन जो नहीं लगाया। मध्य प्रदेश के 51 जिलों में 60 घंटे का कोरोना कफ्र्यू रहेगा, लेकिन दमोह इस दायरे से बाहर है। सरकार के इस फैसले पर किसी ने चिंता जताई तो किसी ने सियासी चटखारे लिए। कांग्रेस ने भी दमोह में लॉकडाउन नहीं लगाए जाने को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। इधर, शुक्रवार को बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन में भीड़ उमड़ी। ज्यादातर के चेहरे पर मास्क नहीं थे। सीएम की समझाइश भी काम न आई।

सोशल डिस्टेंसिंग गायब, ज्यादातर के चेहरे पर मास्क नहीं
दमोह जिले में अब तक कोरोना की चपेट में आने से 114 लोगों की मौत हो चुकी है। 3,368 संक्रमित हो चुके हैं। हर दिन केस मिल रहे हैं। उपचुनाव में कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और भाजपा दमोह के महामंत्री रमन खत्री पॉजिटिव हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दमोह में लॉकडाउन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा, हजारों टेस्ट हुए, लेकिन रिपोर्ट नहीं आई है। यहां उपचुनाव से पहले प्रवेश वर्जित करना संक्रमण रोकने में मददगार साबित होगा।

चुनाव वाले दिन शनिवार, इसलिए लॉकडाउन नहीं
जिले के कलेक्टर तरुण राठी ने बताया कि दमोह में 17 अप्रेल को मतदान है, जिस दिन शनिवार है, इसलिए इस शनिवार को लॉकडाउन नहीं लगाया। वही दमोह में कोरोना फैलने पर कहा कि जागरुकता अभियान के माध्यम से संक्रमण रोकने का प्रयास किया जा रहा है।

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