दमोह उपचुनावः कोरोना के असर से 60 फीसदी मतदाता निकले घर से

दमोह में 2018 के विधानसभा चुनाव से 15 फीसदी कम रही वोटिंग, तीन केन्द्रो पर मतदान का बहिष्कार, लोगों ने किया प्रदर्शन।

दमोह. शनिवार को कोरोना और तेज गर्मी का असर दमोह विधानसभा उपचुनाव में दिखाई दिया। यहां 60 फीसदी मनदान का अनुमान है। जो 2018 के विधानसभा चुनाव से करीब 15 फीसदी कम है। तब 75.27 प्रतिशत मतदान हुआ था।

उपचुनाव में एक और तस्वीर सामने आई जहां सड़क और पानी की समस्याओं को लेकर उखड़े मतदाताओं ने ग्राम पंचायत लवालका के तौन मतदान केंद्रो ग्वारी, नगवहर और मैली रंजरा मैं वोटिंग का बहिस्कार किया और प्रदर्शन कर मांग उठाई। मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने लोगों को मतदान के लिये मनाया तब जाकर लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया।

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दमोह विधानसभा उपचुनाव के लिए शनिवार को सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक मतदान हुआ। मतदान केंद्र इस बार बदले हुए नजर आए। जहां मतदाताओं के लिए ईवीएम का बटन दबाने के लिए दस्ताने दिए जो यूज एंड थ्रो के तहत वहीं डस्टबिन में डालने थे। चुनाव आयोग द्वारा कोरोना का भय दूर कर अधिक से अधिक मतदान कराने की विशेष व्यवस्थाएं इस बार की गई हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र पर 1 हजार मतदाताओं के लिए 12 घंटे का समय दिया गया, जिससे भीड़ न बढ़े और सोशल डिस्टेंस बनी रहे। जिसके लिए 70 नए सहायक मतदान केंद्र बनाए गए थे।

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359 बूथ पर मतदान
दमोह विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 39 हजार 808 मतदाता है। जिनमें 1 लाख 24 हजार 345 पुरुष और 1 लाख 15 हजार 455 महिलाएं शामिल है। इनमें 8 थर्ड जेंडर मतदाता भी है। 359 मतदान केंद्र हैं, जिनमें संवेदन शील 123 हैं, जिनमें 56 दमोह शहर व 67 ग्रामीण क्षेत्र में हैं, जिनके लिए विशेष फोर्स की व्यवस्था की गई है। मतदान के लिए 15-20 व्यक्तियों के लिए 6 फुट की दूरी पर निर्धारित गोले बनाए गए हैं। मतदान केंद्र पर मतदाताओं की थर्मल जांच की गई। मतदाता का प्रथम बार में तय मानकों से अधिक तापमान आने पर द्वितीय बार जांच की गई।

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