कमलनाथ पर गरजे CM शिवराज : दमोह को प्रदेश की सबसे अच्छी विधानसभा बनाने का दिया वचन

दमोह में CM शिवराज ने पूर्व सीएम कमलनाथ पर कफन के पांच हजार रुपये खाने का आरोप लगाया। साथ ही, दमोह विधानसभा को प्रदेश की सबसे अच्छी विधानसभा बनाने का वचन दिया।

<p>कमलनाथ पर गरजे CM शिवराज : दमोह को प्रदेश की सबसे अच्छी विधानसभा बनाने का दिया वचन</p>

दमोह/ मध्य प्रदेश की दमोह विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव के प्रचार के लिये सभा को संबोधित करने ग्राम बांसा पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व की कमलनाथ सरकार पर जमकर हमला बोला। सीएम ने कहा कि, जब कमलनाथ सत्ता में आए, तो उन्होंने जनता को मिल रही योजनाएं बंद कर दीं। कन्यादान योजना के जरिये मिलने वाली 51 हजार राशि हितग्राहियों को अब तक नहीं मिली। जोड़ों का विवाह तो छोड़िये, भानजा-भानजी भी आ गए, लेकिन स्वीकृत राशि का पता ही नहीं चला। सीएम ने कहा कि, भाजपा सरकार ने मौत होने पर अंतिम संस्कार के लिए मृतक के परिवार को पांच हजार रुपए देने की योजना बनाई। कमलनाथ कफन के भी पांच हजार रुपए खा गए।ऐसी कांग्रेस को वोट देकर आप क्या करेंगे?

 

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सीएम शिवराज का वचन

सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि, ‘अपने ढाई साल बर्बाद नहीं होने देना। मैं वचन देता हूं, दमोह को मध्य प्रदेश की सबसे अच्छी विधानसभा बनाऊंगा, तभी चैन लूंगा।’ कमलनाथ पर एक और हमला करते हुए शिवराज ने कहा कि, कमलनाथ कहते थे कि खजाना खाली, मामा सब लूटकर ले गया। अब आप ही बताओ- मामा औरंगजेब है क्या, जो लूटकर ले गया? सीएम ने खुद ही इसका जवाब देते हुए कहा कि, कमलनाथ तुम्हारे कर्म ही खराब थे, इसलिये काम नहीं हुए।

 

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किसानों को साधा

किसानों को साधते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि, ‘किसान भाई किसी भी बात की चिंता न करें। सरकार उपज खरीदेगी। साथ ही फसल बीमा, किसान सम्मान निधि और मुआवजा तो सरकार दे ही रही है। अब किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं।’ जानकारों की मानें, तो शिवराज ने किसानों को साधने का प्रयास इसलिये किया, क्योंकि पिछले दिनों विधानसभा के बांसा इलाके के किसानों को उड़द के पैसे नहीं मिलने पर मतदान करने का बहिष्कार करने की बात कही है। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि, दमोह में मेडिकल कॉलेज खुलेगा और खेल परिसर का निर्माण किया जाएगा।


सभा में उड़ीं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

 

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एक तरफ मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेकाबू होने की वजह से सरकार और प्रशासन की ओर से तमाम पाबंदियां और व्यवस्थाएं की जा रही हैं। वहीं, दूसरी तरफ दमोह चुनाव के दौरान उसी राज्य में कोरोना गाइडलाइन को लेकर किसी भी तरह की गंभीरता दिखाई ही नहीं दे रही। ये कहना गलत नहीं होगा कि, यहां नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। गुरुवार को आयोजित सीएम की सभा में भी सैंकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठी थी, जिसे देखकर लग रहा था, कि इन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के मायने बताए ही नहीं गए हैं। भीड़ में अधिकतर लोगों को मास्क पहनने का भी ध्यान नहीं रहा।

 

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