सड़कों पर बैठे मवेशी बन रहे दुर्घटनाओं का कारण

हटा नाका पर वाहन की टक्कर से बछड़े की मौत

<p>Cattle sitting on the roads are becoming the cause of accidents</p>
दमोह. मवेशियों के लिए गौशालाएं खोली जा रही हैं, लेकिन गांव के साथ दमोह शहर में खुले में छूटे मवेशियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिससे रात होते ही इनका बसेरा सड़कें बन जाती है, जहां आए दिन दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं। जिसमें मवेशियों के कारण दुर्घटना भी सामने आ रही हैं।
शुक्र-शनि की रात एक तेज रफ्तार जीप ओवर ब्रिज से उतरते ही हटा नाका रोड पर बछड़े से टकरा गई। इस घटना में बछड़े की मौत हो गई व जीप क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि इस घटना में सवार को ज्यादा चोटें नहीं आई है। इससे पूर्व भी 5 से बड़े हादसे सामने आ चुके हैं।
दमोह शहर में खुले में छूटे मवेशियों का जमावड़ा बड़ता जा रहा है। बाजार में खुले छूटे मवेशी सब्जी संचालकों को आए दिन नुकसान करते रहते हैं। लोगों के घरों में घुसकर उत्पात मचा रहे हैं। नगर पालिका की हाका गैंग द्वारा शहर से मवेशियों का न खदेड़े जाने के कारण दिन भर शहर की मुख्य सड़कों पर भी मवेशी बड़ी संख्या में खड़े रहते हैं।
कई हो चुके घायल
दमोह शहर में बिगड़ैल सांड़ बड़ी समस्या बनकर सामने आ रहे हैं। वह बीच बाजार में कभी भी आपस में वर्चस्व की लड़ाई लड़ते रहते हैं, जिसके कारण आते-जाते लोग इनके फेर में पड़कर घायल हो चुके हैं। दमोह शहर में कई लोग ऐसे हैं जिनके हाथ-पांव तक फैक्चर हो गए हैं। बड़े पुल से धगट चौराहा के बीच एक गाय द्वारा कई लोगों को सींग मारने के मामले सामने आ चुके हैं। जिससे कई लोग ऐसे बिगड़ैल मवेशियों को दूर से देखकर भी रास्ता बदल लेते हैं।
गौशालाओं में शिफ्ट नहीं की जा रहे मवेशी
दमोह जिले में सरकारी व निजी गौशालाएं 32 की संख्या में संचालित हैं। मवेशियों को गौ-शालाओं तक ले जाने के लिए वैन भी संचालित हैं। इसके अलावा जरारुधाम गौशाला जिसे गौ-अभयारण्य का नाम दिया जा रहा है, ऐसे मवेशियों को रखने की व्यवस्था की गई है लेकिन शहर से इन्हें भी नहीं हटाया जा रहा है।
तस्करी में भी हुआ इजाफा
दमोह शहर में बड़ी तादात में खुले में छूटे मवेशियों की तस्करी भी बढ़ गई है। पहले कई ऐसे विडियो वायरल हुए हैं, जिसमें तस्कर ऑटो या कार में गायों को बिठाकर ले जाने का प्रयास करते हुए कैद हुए हैं। आसपास के थानों में ट्रकों में भरे मवेशी भी जब्त किए जाते हैं और मामले भी दर्ज हो रहे हैं।
सड़कों पर मिल रहे घायल मवेशी
दमोह शहर के अलावा हाइवे पर आए दिन मवेशी घायल अवस्था में मिल रहे हैं। सबसे ज्यादा घायल मवेशी बांसा तारखेड़ा के आसपास इस माह मिले हैं, इन घायल मवेशियों की मरहम पट्टी बजरंग दल के सदस्यों ने की। वहीं दमोह से जबेरा के बीच एक चलित एनजीओ द्वारा जब सड़क किनारे घायल मवेशियों का उपचार किया था तो एक ही दिन में 20 से अधिक घायल मवेशी मिले थे, जिससे एनजीओ द्वारा बताया जा रहा है कि सड़क पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं का कारण मवेशी बन रहे हैं। वह स्वयं घायल हो रहे हैं और लोगों की जानजोखिम में डाल रहे हैं।
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