चाचा भतीजे की करंट लगने से मौत

एक बीघा में रह गया था पलेवा, जिसे करने गए थे चाचा भतीजे

<p>चाचा भतीजे की करंट लगने से मौत</p>
भितरवार. सरसों की फसल के लिए एक बीघा पलेवा के लिए रह गया था, जिसे करने चाचा भतीजे गए थे। लेकिन जब रविवार की सुबह 6 बजे तक घर नही आए तब उनके मोबाइल पर कॉल किया गया लेकिन बार-बार कॉल करने के बाद भी उनका मोबाइल नहीं उठा तब खेत में जाकर देखा तो दोनों मृत पड़े थे। यह देख परिजन बेसुध हो गए। हेतराम कुशवाह के मृत होने पर उसकी पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। हेतराम अपने पीछे दो मासूम बच्चों को छोड़ गया है इन बच्चों के सिर से उनके पिता का साया उठ गया है।
शनिवार की रात 9 बजे सरसों की फसल की बोबनी से पूर्व होने वाले पलेबा के लिए अपने खेतों पर जमीन को सिंचित करने के लिए चाचा हेतराम और उसका भतीजा विष्ण कुशवाह पहुंचे थे। ट्यूबबेल से पानी खेतों तक ले जाने के लिए पानी की मोटर के लिए मुख्य लाइन पर कटिया डाली इसी बीच करंट लगने से मौत हो गई। दूसरे रोज रविवार को 6 बजे तक दोनों घर वापस नहीं लौटे तब परिजनों ने इनके मोबाइल पर कॉल किया। बार बार घंटियां बजने बाद जब मोबाइल फोन रिसीव नहीं हुआ तब परिजन खेत की ओर पहुुंचे। जहां दोनों को मृत देख, परिजनों का बुरा हाल हो गया। पुलिस ने पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया पीएम कर मार्ग कायम कर लिया है।
हेतराम छोड़ गया दो मासूम बेटे करंट लगने से मौत का शिकार हुए हेतराम कुशवाह के दो मासूम बच्चे हैं। एक ढाई वर्ष का तो दूसरा 6 माह का। उन बच्चों के सिर से अब उनके पिता का साया उठ गया। परिवार का भरण पोषण करने अब जिम्मेदारी मां के कंधों पर आ गई है। मृतक भतीजा विष्णु का विवाह नहीं हुआ था। लेकिन नोजवान की मौत ने परिजन और गांव वालों को झकजोर दिया।
केवल एक बीघा में रह गया था पलेवा: बताते हैं कि मृतक चाचा और भतीजे की 10 बीघा जमीन है। जिसमें सरसों की बोबनी के लिए उनके द्वारा बीते दिनों से पलेबा किया जा रहा था। केवल एक बीघा जमीन में (पलेबा) सिंचित होना था। शेष रही जमीन का शनिवार की रात को दोनों चाचा भतीजे पलेवा करने गए थे।
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