बुधवार को अंचल में दिनभर बारिश का दौर जारी रहा। शहर के कई इलाकों में भी जलभराव हुआ। रोज शहर में जलभराव बना है लेकिन नगर पालिका की अनदेखी बनी है जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। जुलाई माह में अभी तक 303 एमएम बारिश हो चुकी है। जबकि जून माह में निरंक आंकड़ा था। कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल पिछले साल से ज्यादा बारिश हो रही है। इस साल अभी तक 303 एमएम बारिश हुई है जबकि पिछले साल आज दिनांक तक 170 एमएम बारिश हुई थी। इसके बाद भी धान रोपाई पिछले साल से 50 फीसदी कम हो रही है। दिनभर कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश होती रही।
रपटा के ऊपर से चल रहा पानी, फिर भी निकल रहे लोग
दो दिन से लिड़वा नदी का जलस्तर बढऩे से उफान आ गया है। छीमक और भेंगना के बीच बने रपटा के ऊपर से करीब चार फीट ऊंचाई से पानी चल रहा है। जिस कारण करीब 15 गांवो का आपस मे संपर्क टूट गया है। वाहन नहीं निकल पा रहे है। लेकिन कुछ लोग मजबूरी में जान जोखिम में डालकर निकल रहे हेै। बुधवार को कई लोग सामान लेकर एवं एक व्यक्ति कंधे पर गैस सिलेंडर लेकर रपटा पार करता हुआ देखा गया। ऐसे में हादसे की आशंका बनी है।
इन गांवों का संपर्क टूटा है
छीमक से भेगना में बने रपटा के ऊपर से पानी चलने की वजह से छीमक, भेंगना समेत आठ नंबर आदिवासी दफाई, मावधपुर, किशनपुर, कैथी, सिकरोदा, प्रेमपुर, बरकीसराया, एराया कच्छौआ से आंतरी से होकर जोरासी मार्ग तक आपस में इन गांवों का संपर्क टूट गया है।
छीमक से भेगना में बने रपटा के ऊपर से पानी चलने की वजह से छीमक, भेंगना समेत आठ नंबर आदिवासी दफाई, मावधपुर, किशनपुर, कैथी, सिकरोदा, प्रेमपुर, बरकीसराया, एराया कच्छौआ से आंतरी से होकर जोरासी मार्ग तक आपस में इन गांवों का संपर्क टूट गया है।
एलर्ट किए जाने के निर्देश
बैठक लेकर पटवारियों एवं कोटवारों को निर्देशित किया है , कि नदी के आसपास के गांवों के लोगों को नदी के पास नहीं जाने दें। किसी भी प्रकार से नदी में उफान आने और आ रही परेशानी के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दें। गांवों में मुनादी पिटवाकर हिदायत दी जा रही है। नदी के आसपास के सभी गांवों को एलर्ट किया गया है।
प्रदीप शर्मा, एसडीएम डबरा