बिछड़ी मां को देखकर भावुक हुआ राहुल, मिलने की उम्मीद हो गई थी खत्म

एक साल बाद मिली मां तो देख निहारता रहा,स्कूटर में बैठा कर ले गया मां को अपने साथ
 
 
 
 

<p>बिछड़ी मां को देखकर भावुक हुआ राहुल, मिलने की उम्मीद हो गई थी खत्म</p>
डबरा. अपना घर आश्रम में रह रही एक बुजुर्ग महिला के बेटे को जब इस बात का पता चला तो रविवार को वह सीधे दतिया से स्कूटर लेकर मां को लेने आ गया। बिछुड़ी मां को देखकर बेटे की आंखों से आंसू आ गए और वह रो-रोकर मां को निहारता रहा। यह दृश्य अपना घर आश्रम मैं रविवार को देखने को मिला। जब एक बिछड़ी मां को लेने उसका बेटा पहुंचा। दोनों एक दूसरे को निहारते रहे।
संस्था के मनीष पांडे ने बताया कि दतिया मंडी के सामने बने डिवाइडर पर अनेक बोरो में कचरा, पन्नी और खाने का सामान इकठ्ठा करके बैठी एक महिला की खबर अपना घर आश्रम टीम को दिसंबर 2020 में मिली थी। अपना घर टीम जब इनको लेने गई तो बहुत मुश्किल से आने को तैयार हुई। इनकी खराब मानसिक स्थति की वजह से तमाम गालियां और डंडे से मार भी अपना घर आश्रम की टीम को खानी पड़ी। आश्रम में लगातार मिली सेवा से बहुत जल्दी इनकी स्थति में सुधार हुआ और अपना घर के सेवा साथी के साथ भोजन तैयार करने में सहयोग करना प्रारम्भ कर दिया। लेकिन अपने परिवार की जानकारी नहीं दी।
अपना घर आश्रम ने दिया जसोदा नाम

अपना नाम ना बताने की वजह से अपना घर आश्रम ने इनको जशोदा प्रभुजी के नाम से पहचान दी। कल जब अपना घर डबरा आश्रम में एक प्रभुजी अपने परिवार से बात कर रहे थे तब जशोदा प्रभुजी ने अपने घर जाने की जिद्द की लेकिन सही जगह नहीं बता पा रही थी। काफी प्रयास बाद उन्होंने अपना घर हरदोलपुरा बड़ागांव बताया। आश्रम टीम द्वारा बड़ागांव थाने पर संपर्क कर परिवार की जानकारी लेने की कोशिश की। परिवार में छोटे बेटे राहुल से सम्पर्क हो गया एवं प्रभुजी की वीडियो कॉल पर बात की । इतने दिन बाद मां को देखकर मां बेटे दोनों के आखों में आंसू निकल आए। मां को लेने राहुल तुरंत अपने ऑफिस के काम को छोड़कर अपने स्कूटर से ही अपना घर डबरा के लिए निकल पड़े।
उम्मीद खो दी थी उनकी मां मिल पाएगी

राहुल ने बताया की मां की मानसिक स्थति ठीक नहीं थी और एक दिन बिना बताये घर से निकल गई, सभी जगह देखा लेकिन कहीं नहीं मिलने के चलते धीरे धीरे परिवार की उम्मीद ख़त्म हो गई और हमको विश्वास ही नहीं था की अब कभी मां मिल पाएगी ।
स्कूटर में बैठा कर ले गया मां को अपने साथ

थाने में भी उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट डाली, पोस्टर भी लगवाए लेकिन अंत में उम्मीद खो दी। राहुल ने बताया की उनकी मां का नाम सगुन कुशवाहा है। बहुत मेहनत करती थी एवं भरा पूरा परिवार है। दोनो मां बेटे बहुत देर तक गले लगकर रोते रहे। इसके बाद राहुल अपनी मां को स्कूटर पर बैठाकर घर ले गया।
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