मांग की तुलना में कम मिल रही डीएपी खाद, यूरिया खाद खत्म

एक दो दिन में नहीं आया यूरिया तो बढ़ सकती है मांग और मारामारी, 2000 टन की मांग की तुलना में आया था 1100 टन डीएपी खाद
 
 

<p>मांग की तुलना में कम मिल रही डीएपी खाद, यूरिया खाद खत्म</p>
डबरा। इस बार क्षेत्र में धान की बम्पर रोपाई की गई है। पिछले साल से करीब 2 हजार हैक्टेयर में ज्यादा धान हो रही है। लेकिन खाद की समस्या बनी है और रोपाई की तुलना में खाद की कमी बनी हुई है। जिससे किसानों को यह चिंता सता रही है। इधर कृषि विभाग द्वारा भेजे जाने वाले मांग पत्र की तुलना में डीएपी खाद कम भेजी जा रही है। जिससे बार बार खाद खत्म होने को लेकर मारामारी बनी है।

यूरिया खाद सरकारी गोदाम समेत मार्केटिंग में चार दिन से खत्म है। जिससे जिन निजी दुकानों पर उपलब्ध है वे ब्लैक मार्केटिंग कर रहे है। एक दो दिन में यूरिया नहीं आया तो मारमारी पड़ सकती है। इफाको के किसी भी सेंटर पर 25 दिन से खाद का वितरण नहीं हो रहा है। सिर्फ सरकारी गोदाम से डीएपी खाद बांटी जा रही है जो कि वर्तमान में ना काफी है। निजी दुकानों पर डीएपी खाद की किल्लत बनी है। वर्तमान में सिर्फ डबरा में डीएमओ यानि सरकारी गोदाम से डीएपी खाद का वितरण हो रहा है। लेकिन वर्तमान में 396 टन डीएपी खाद का स्टॉक बचा है। जो कि एक दो दिन में खत्म हो जाएगी। चार दिन पहले दो हजार टन की मांग के अनुसार 1100 टन डीएपी खाद आया था कम होने की वजह से सरकारी गोदाम से ही बांटा जा रहा है।

किसानों की बनी समस्या, भाड़ा का बढ़ा बोझ –


ऐसे में गांव से आने वाले किसानों की समस्या बनी है। दरअसल इफको सेंटर गांव गांव खुले है लेकिन ब्लॉक में इफको के किसी भी सेंटर पर खाद उपलब्ध नहीं है। जिससे उन्हें शहर में बरोठा रोड स्थित सरकारी वेयर हाउस गोदाम पर आना पड़ रहा है। गांव ले जाने के लिए भाड़ा का बोझ अतिरिक्त बढ़ रहा है। अधिकतर निजी दुकानों पर डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है।

यूरिया खत्म, पड़ सकती है मारामारी –


सरकारी गोदाम और मार्केटिंग सोसायटी से पिछले करीब 4 दिन से यूरिया खाद खत्म हो गया है। हालांकि निजी दुकानों पर उपलब्ध होना बताया गया है। दरअसल अब किसानों को यूरिया की जरुरत है। लेकिन डबरा में सरकारी गोदामों पर यूरिया खाद खत्म होने से किसानों की चिंता बनी है। एक- दो दिन में यूरिया पर्याप्त नहीं पहुंचा तो आने वाले दिनों में यूरिया को लेकर मारामरी पड़ सकती है। हालांकि कृषि विभाग ने 3 हजार टन यूरिया का मांगपत्र भेजा गया है।

सोसायटी से वितरण बंद –


डबरा ब्लॉक की सभी 22 सोसायाटी डिफॉल्टर है, जिससे उन्हें उधारी खाद देने का हक छीन गया है। दरअसल नगद के चलते सोसायटियों से भी खाद का वितरण नहीं हो पा रहा है। नगद में सोसायटियां खाद नहीं ले रही है। ऐसे में किसानों को दोहरी मार झेलना पड़ रही है। सोसायटी से नहीं मिलने से वे लोग किसान शहर आ रहे है।

डीएपी खाद की जरुरत अब कम है लेकिन यूरिया की मांग बढ़ेगी है। सरकारी गोदामों पर यूरिया खत्म है लेकिन निजी दुकानों पर उपलब्ध होने से मारामारी नहीं है। लेकिन समस्या आ सकती है। जल्द यूरिया नहीं आया तो मांग और ज्यादा बढ़ जाएगी। 3 हजार टन यूरिया का मांग पत्र मुख्यालय भेजा गया है।

बीके मिश्रा, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी डबरा
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