अनंत चौदस पर महिलाओं ने परिवार की सुख समृद्धि के लिए अनंत की पूजा की और पकवान बनाए। अनंत की कहानी सुनी और प्रसाद चढ़ाया। दोपहर बाद गणेश प्रतिमा का विसर्जन का क्रम शुरू हुआ। इस दौरान गणेश प्रतिमाओं को सिंध नदी तक ले जाने के दौरान धूमधाम से चल समारोह निकाला गया जिसमें युवा नाचते गाते चल रहे थे। सिंध नदी में विधिविधान के साथ श्री जी का विसर्जन किया। दोपहर से शुरू हुआ विसर्जन का सिलासिला रात तक चला।
इधर, भितरवार में भी गणपति बप्पा मोरया अगले वर्ष तू जल्दी आ जयकारों के साथ गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। चल समारोह निकाला गया, जिसमें शामिल श्रद्धालु नाचते गाते चल रहे थे। पार्वती नदी में भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया। रविवार को चौदस तिथि पर नगर की प्राचीन परंपरा के अनुसार गणेश जी की प्रतिमाओं का विसर्जन बड़े ही धूमधाम से किया गया। बैंड बाजों और ढोल नगाड़ों की धूम के साथ चल समारोह निकाला गया। विभिन्न मार्गों से होते हुए पार्वती नदी दियादाह घाट पहुंचे। जहां भक्तगणों ने विधि विधान से पूजन कर श्री गणेश जी का जल में विसर्जन किया।