Shopian Encounter: सैनिकों पर Afspa के उल्लंघन का आरोप, अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू

Jammu-Kashmir के शोपियां ( Shopian Encounter ) जिले से बड़ी खबर सामने आई है
यहां हुए एक एनकाउंटर मामले में भारतीय सेना ( Indian Army ) को ‘प्रथम दृष्टया’ साक्ष्य मिले हैं

<p>Shopian Encounter: सैनिकों पर Afspa के उल्लंघन का आरोप, अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू</p>

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) के शोपियां ( Shopian Encounter ) जिले से बड़ी खबर सामने आई है। यहां हुए एक एनकाउंटर मामले में भारतीय सेना ( Indian Army ) को ‘प्रथम दृष्टया’ साक्ष्य मिले हैं। इन साक्ष्यों में पाया गया कि उसके जवानों ने सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (Afspa) के अंतर्गत मिली शक्तियों का उल्लंघन किया है। सेना ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित जवानों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई ( Disciplinary Action ) शुरू कर दी है। आपको बता दें कि इस सल जुलाई में शोपियां में यह मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में तीन लोग मारे गए थे। मुठभेड़ में मारे गए लोगों की पहचान राजौरी जिले के इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार के रूप में हुई थी। इन तीनों सुरक्षा बलों ने 18 जुलाई, 2020 को अम्सीपोरा गांव में एक ऑपरेशन के दौरान मार दिया था।

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तीनों शोपियां जिले में मजदूरों के तौर पर काम करने आए थे

मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने दावा किया था कि मारे गए तीनों लोग आतंकवादी थी। यह भी दावा किया गया था कि मुठभेड़ के बाद आतंकियों के पास से हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया था। वहीं, मृतकों के रिश्तेदारों का कहना था कि तीनों शोपियां जिले में मजदूरों के तौर पर काम करने आए थे और आंतकवाद से उनका कोई लेना-देना नहीं था। पुलिस ने रिश्तेदारों की ओर से संदेह जताए जाने के बाद शिकायत दर्ज की है और मारे गए व्यक्तियों के डीएनए मिलान के लिए नमूने एकत्र किए हैं। हालांकि अभी तक डीएनए रिपोर्ट आना शेष है।

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अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया

इस संबंध में शुक्रवार को सार्वजनिक किए गए भारतीय सेना की आंतरिक जांच के निष्कर्ष में कहा गया कि जांच से कुछ निश्चित साक्ष्य सामने आए हैं, जो कि दर्शाते हैं कि अभियान के दौरान अफस्पा के तहत निहित शक्तियों का दुरुपयोग किया गया। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकृत सेना प्रमुख की ओर से निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया गया है। शुरुआती जांच में पाया गया कि सक्षम अनुशासनात्मक प्राधिकारी को प्रथम दृष्टया जवाबदेह पाए जाने वालों के खिलाफ सेना अधिनियम के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है।

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