कोरोना महामारी के चलते केरल में सोने की तस्करी बनी आसान, स्मगलरों नेे अपनाया अनोखा तरीका स्वप्ना सुरेश ने अदालत में अपील की थी कि वह निर्दोष है और मौजूदा मामला केंद्र और राज्य सरकार के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान को लेकर खड़ा किया गया है। अदालत में बहस के दौरान कस्टम विभाग ने कहा था कि उनके पास स्वप्ना के खिलाफ काफी पुख्ता सबूत हैं। कस्टम विभाग ने यह भी कहा था कि इस मामले में एक अन्य आरोपी की पत्नी ने स्वप्ना के खिलाफ बयान भी दिया है।
कस्टम विभाग द्वारा अदालत को बताया गया था कि स्वप्ना ने उस बैगेेज को वापस भेजने की कोशिश की क्योंकि उसे पता था कि इसमें सोना है। उसने अपने ऊंचे संपर्कों की वजह वह केरल से बेंगलूरु चली गई। वह इस बात को लेकर आश्वस्त थी कि वह कोरोना वायरस के चलते जारी कठिन जांच के बावजूद बिना किसी परेशानी के चेकपोस्ट से बाहर निकल जाएगी।
कस्टम विभाग ने अदालत में कहा इस मामले से जुड़े सभी आरोपी एक दिन केरल सचिवालय के पास फ्लैट में इकट्ठा हुए ताकि वह उच्च-पदस्थ सरकारी अधिकारियों के साथ सोने की तस्करी की साजिश रच सकें। विभाग ने अदालत से कहा कि अगर इतने रसूखदार लोग जमानत पर रिहा कर दिए जाएंगे तो फिर इस मामले का होगा क्या?
गौरतलब है कि कोच्चि की विशेष एनआईए अदालत ने मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर को 21 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। स्वप्ना सुरेश ने अदालत में कहा कि उसे हिरासत में मानसिक यातना झेलनी पड़ी थी और इसी वजह से उसने सीमा शुल्क अधिकारियों को अपना बयान दिया था।
केरल गोल्ड स्मगलिंग केस में आज आया नया मोड़, विशेष एनआईए अदालत ने सुनाया यह फैसला यह मामला 14.82 करोड़ रुपये के 30 किलोग्राम सोने की तस्करी ( Kerala Gold Smuggling ) का है। जिसे राजनयिक सामान के रूप में एक खेप में तस्करी करके तिरुवनंतपुरम में सीमा शुल्क द्वारा बरामद किया गया था। फिलहाल एनआईए ( National Investigation Agency ) हाई-प्रोफाइल मामले की जांच कर रही
एनआईए द्वारा जारी शुरुआती बयान में कहा गया था, “यह मामला दूसरे देश से भारत में बड़ी मात्रा में सोने की तस्करी से जुड़ा है। इसलिए यह देश की आर्थिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा ( national security ) के लिए खतरा है। गैरकानूनी गतिविधि (निवारक) अधिनियम ( UAPA Act ), 1967 की धारा 15 के अंतर्गत यह एक आतंकी गतिविधि के समान है। इसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण ( terror funding ) में भी किया जा सकता है।”