मुंबई पुलिस का खेल, एक ही जगह पर बरसों जमे रहते हैं पुलिसकर्मी, कमाऊ ओहदे पर ही लेते हैं प्रमोशन

– मुंबई पुलिस का हाल: कई पुलिस वाले बूटी (पैसा वसूली) के लिए वर्षों एक ही जगह कुंडली मारे बैठे रहते हैं।- मालदार ओहदा नहीं मिलने पर छोड़ देते हैं प्रमोशन।
 

<p>मुंबई पुलिस का खेल, एक ही जगह पर बरसों जमे रहते हैं पुलिसकर्मी, कमाऊ ओहदे पर ही लेते हैं प्रमोशन</p>

मुंबई। पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर पुलिस के जरिए अवैध वसूली का जब से आरोप लगाया है, महाराष्ट्र में सियासी उबाल है। विपक्ष गृह मंत्री का इस्तीफा मांग रहा तो सत्ताधारी महाविकास आघाडी इसे राज्य सरकार को अस्थिर करने की साजिश बता रही। सियासी वार-पलटवार के खेल को लोग चुपचाप देख रहे हैं।

जनता के मन में यह सवाल भी पैदा हो रहा कि हर तरफ व्याप्त भ्रष्टाचार से निजात कैसे मिलेगी। वैसे मायानगरी में हफ्ता वसूली और रिश्वतखोरी का खेल नया नहीं है। माल है तो ताल…पहले से है। 18 साल पहले (2003) राज्य में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार के दौरान गृह मंत्री रहे छगन भुजबल पर पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर के बदले पैसे लेने के आरोप लगे थे। अब्दुल करीम तेलगी से जुड़े करोड़ों रुपए के स्टैंप घोटाले में भुजबल आरोपी थे। एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने कहा कि कई पुलिस वाले बूटी (पैसा वसूली) के लिए वर्षों एक ही जगह कुंडली मारे बैठे रहते हैं। मालदार ओहदा नहीं मिलने पर वे प्रमोशन तक छोड़ देते हैं।

सवालों में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट: मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी सवालों के घेरे में रहे हैं। शिवसेना के टिकट पर विस चुनाव लड़ चुके प्रदीप शर्मा भी इनमें शामिल हैं। शर्मा की टीम ने 2006 में रामनारायण गुप्ता को फर्जी एनकाउंटर में मार गिराया था।

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