परिवार ने लगाया फाइनेंसर पर आरोप
पिता ने आरोप लगाया कि पिछले दिनों दोनों बेटों को कारोबार में घाटा हुआ था। इसके लिए फाइनेंसर से मोटे ब्याज पर 60-70 लाख रुपये का कर्ज लिया था। लेकिन, लॉकडाउन हुआ तो कारोबार और मंदा हो गया। इसके बाद दोनों भाई काफी परेशान थे। आरोप है कि फाइनेंसर पैसे देने के लिए दबाव बनाने लगे। दोनों ने पैसे लौटाने के लिए और वक्त मांगा था, लेकिन फाइनेंसर के बाउंसर लगातार धमकी दे रहे थे। इससे हताश होकर दोनों भाइयों ने फांसी लगाकर जान दे दी।
सुसाइड नोट में आर्थिक तंगी का जिक्र
पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें दोनों ने आर्थिक स्थिति खराब होने का जिक्र किया है। जिला पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने बताया कि अंकित गुप्ता और अर्पित गुप्ता अपने परिवार के साथ सीताराम बाजार हौजकाजी इलाके में रहते थे। परिवार में उनके बुजुर्ग पिता आदेश्वर गुप्ता और पत्नी और दो बच्चे हैं। दोनों ने ज्वेलर्स का कारोबार कर रखा था।
दोनों ने एक साथ लगाई फांसी
पुलिस ने बताया कि बुधवार को दोपहर में दोनों तीसरी मंजिल पर मौजूद थे। करीब तीन बजे एक कर्मचारी ऊपर गया तो उसने देखा कि अंकित और अर्पित फंदे से लटके हुए हैं। इसके बाद चीख पुकार मच गई। इस घटना से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। वहीं, पुलिस मामले की जांच में जुटी है।