100 वर्ष के थे पिता
कोटरा सुल्तानाबाद स्थित शासकीय आवास निवासी वाणिज्यिक कर विभाग की इंस्पेक्टर माया वानखड़े के पिता गोविंद राव वर्धे बुधवार देर रात इस फानी दुनिया को अलविदा कह गए। उन्होंने एम्स, भोपाल में अंतिम सांस ली। वे 100 वर्ष के थे। गोविंद राव की दो पुत्रियां ही हैं। निधन के बाद अंतिम संस्कार की बात आई तो बेटियों ने कहा कि वे ही पिता का अंतिम संस्कार करेंगी। विभाग के राज्य कर अधिकारी वृहस्पति सिंह ने बताया कि बेटियों की इच्छा के सामने सभी लोगों ने हामी भर दी और भदभदा घाट पर पूरे विधान के साथ बेटियों ने उनका अंतिम संस्कार किया।
कोटरा सुल्तानाबाद स्थित शासकीय आवास निवासी वाणिज्यिक कर विभाग की इंस्पेक्टर माया वानखड़े के पिता गोविंद राव वर्धे बुधवार देर रात इस फानी दुनिया को अलविदा कह गए। उन्होंने एम्स, भोपाल में अंतिम सांस ली। वे 100 वर्ष के थे। गोविंद राव की दो पुत्रियां ही हैं। निधन के बाद अंतिम संस्कार की बात आई तो बेटियों ने कहा कि वे ही पिता का अंतिम संस्कार करेंगी। विभाग के राज्य कर अधिकारी वृहस्पति सिंह ने बताया कि बेटियों की इच्छा के सामने सभी लोगों ने हामी भर दी और भदभदा घाट पर पूरे विधान के साथ बेटियों ने उनका अंतिम संस्कार किया।
बेटियां ही उनका संसार थीं
गोविंद राव वर्धे के लिए उनकी बेटियां ही उनका संसार थीं। परिचितों ने बताया कि उन्होंने बेटियों को कभी बेटे से कम नहीं समझा। दोनों बेटियों को खूब पढ़ाया—लिखाया। बेटियों ने भी पिता की देखभाल में कमी नहीं रखी।
गोविंद राव वर्धे के लिए उनकी बेटियां ही उनका संसार थीं। परिचितों ने बताया कि उन्होंने बेटियों को कभी बेटे से कम नहीं समझा। दोनों बेटियों को खूब पढ़ाया—लिखाया। बेटियों ने भी पिता की देखभाल में कमी नहीं रखी।