Unlock 2.0 के साथ ही बैंकों के बदले नियम और शुरू कर दी ग्राहकों से ‘वसूली’, ध्यान से करें ये काम जांच से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि सीबीआई ( central bureau of investigation ) की कई टीमों ने बुधवार को मुंबई और हैदराबाद में तलाशी ली। यह तलाशी रेड्डी के आवासीय परिसर में नहीं बल्कि एफआईआर में नामित कंपनियों के परिसर में की गई थी। सीबीआई द्वारा 27 जून को जीवीके रेड्डी, बेटे जीवी संजय रेड्डी व अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर के बाद जांच को लेकर यह कार्रवाई की गई है। इन पर आरोप हैं कि इन्होंने हवाईअड्डे के संचालन में 705 करोड़ रुपये की कथित अनियमितता बरती है।
वहीं, इस संबंध में जीवीके समूह का आधिकारिक बयान भी सामने आया है। मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) के प्रवक्ता ने कहा, “एमआईएएल और अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा मामला दर्ज किए जाने को लेकर एमआईएएल हैरान है। एजेंसी द्वारा प्रारंभिक जांच शुरू होने के बाद मांगे गए किसी भी स्पष्टीकरण या किसी भी दस्तावेज में एमआईएएल हर सहायता प्रदान करेगा। एमआईएएल एक पारदर्शी और जिम्मेदार कॉर्पोरेट इकाई है जो सच्चाई पर पहुंचने के लिए अपनी जांच में एजेंसी के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुताबिक एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( Airport Authority of India ) ने जीवीके एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड के साथ मुंबई हवाईअड्डे के उन्नयन और रखरखाव के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप ( PPP ) फर्म मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के तहत एक संयुक्त उद्यम का गठन किया था।
एफआईआर के मुताबिक 4 अप्रैल 2006 को एएआई ने एमआईएएल के साथ मुंबई हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण, रखरखाव, संचालन और रखरखाव के लिए एक समझौता किया था। अधिकारियों ने कहा कि आरोप है कि एमआईएएल में जीवीके समूह के प्रमोटरों ने अपने अधिकारियों और एएआई के अज्ञात अधिकारियों के साथ मिलकर अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हुए धन को लेकर अनियमितता बरती।
चीन से तनाव के बीच अमरीका का बड़ा कदम, भारत को घातक फाइटर जेट देने के लिए बिल पेश एजेंसी ने आरोप लगाया है कि समूह ने 2017-18 में नौ कंपनियों को फर्जी कार्य अनुबंधों के तहत रकम बांटी, जिससे इसे 310 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि जीवीके समूह के प्रवर्तकों ने अपनी समूह की कंपनियों को फाइनेंस देने के लिए एमआईएएल के आरक्षित कोष के 395 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया है।
एजेंसी ने आगे आरोप लगाया है कि समूह ने अपने मुख्यालय में कर्मचारियों और समूह की कंपनियां जो एमआईएएल को चलाने में शामिल नहीं थी, का भुगतान दिखाते हुए एमआईएएल के खर्च की रकम में बढ़ोतरी की। इससे एएआई को राजस्व का नुकसान हुआ। कथित तौर पर प्रमोटरों ने संबंधित पक्षों के साथ अनुबंध करके और एमआईएएल फंडों का उपयोग करके अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक खर्चों को पूरा करके एमआईएएल की राजस्व आय को कथितरूप से कम बताया।
गौरतलब है कि एमआईएएल जीवीके ग्रुप, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और कुछ विदेशी कंपनियों का संयुक्त उद्यम है।