राउंड रोबिन लीग पर खेला गया था यह विश्व कप
विश्व कप का पांचवां संस्करण राउंड रोबिन लीग के आधार पर खेला गया था। इसमें कुल 9 टीम ने भाग लिया था। एक समय टूर्नामेंट से बाहर होने के कगार पर खड़ी पाकिस्तान की टीम को किस्मत का साथ मिला और एक मुकाबला बारिश में बह गया, जिस कारण उसे मुश्किल से सेमीफाइनल में जगह मिली। इस तरह चौथे स्थान पर रहकर उसने अंतिम चार का रास्ता तय किया। सेमीफाइनल में लीग में टॉप पर रही न्यूजीलैंड को हराकर उसने फाइनल में प्रवेश किया। इस विश्व कप में भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही अंतिम चार तक भी नहीं पहुंच पाए थे।
फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ इमरान खान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया और निर्धारित 50 ओवर में छह विकेट के नुकसान पर 249 बनाए। इस तरह जीत के लिए इंग्लैंड को 250 रनों का लक्ष्य मिला। पाकिस्तान की ओर से इमरान खान ने कप्तानी पारी खेलते हुए सर्वाधिक 72 रन बनाए। इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम 49.2 ओवर में महज 227 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। इंग्लैंड की तरफ से एनएच फेयरब्रदर ने सर्वाधिक 62 रन बनाए। यह इंग्लैंड की विश्व कप फाइनल में तीसरी हार थी, जबकि पाकिस्तान पहली बार फाइनल में पहुंचा था।
संन्यास से वापसी कर लौटे थे इमरान
बता दें कि इमरान खान ने 1987 विश्व कप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था, लेकिन पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल जिया-उल-हक ने उनसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी का निवेदन किया था। उनके निवेदन पर ही इमरान ने दोबारा पाकिस्तान क्रिकेकट टीम में वापस लौटे थे।
39 साल की उम्र में इमरान खान का क्रिकेट के मैदान पर वापसी कर अपनी टीम को विश्व कप दिलाना जादू जैसा लगता है। यही कारण है कि इमरान खान को पाकिस्तान का महानतम कप्तान माना जाता है। इतना ही नहीं, अब वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं। उनकी यह यात्रा भी जादुई है, क्योंकि जब वह अपनी पार्टी बनाकर राजनीति में कूदे थे, तब वह खुद सात जगह से खड़े हुए थे और उन्हें सातों जगह से बुरी हार मिली थी।