माही ने भारत को बनाया 28 साल बाद वर्ल्ड चैंपियन
धोनी अब अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं। वैसे भी एक क्रिकेटर अपनी जिंदगी में जो कुछ हासिल करने का लक्ष्य रखता है, वो सब धोनी ने हासिल कर भी लिया है। कप्तान रहते हुए धोनी ने टीम इंडिया को आईसीसी का हर बड़ा खिताब दिलाया है। वनडे, टी20 और टेस्ट, तीनों ही फॉर्मेट में धोनी ने भारत का सिर गर्व से ऊंचा किया है। धोनी की ही कप्तानी में भारत 28 साल बाद वर्ल्ड चैंपियन बना। इससे पहले 2007 में धोनी की ही कप्तानी में भारत ने टी20 वर्ल्ड कप जीता था। इसके अलावा धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन टीम बनाया था।
करियर के 5वें मैच में धोनी ने बनाई अपनी अलग पहचान
– धोनी ने जब इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा तो उन्हें कोई नहीं पहचानता था। जिस समय धोनी को टीम में लिया गया तो उस वक्त दिनेश कार्तिक उनके प्रतिद्वंदी थे। धोनी को टीम में देख लोग हैरान थे कि आखिर ये नया खिलाड़ी है कौन? ऐसे में धोनी को अपनी पहचान बनाने में करीब 5 मैचों का समय लगा। दरअसल, धोनी अपने डेब्यू मैच में 0 पर आउट हो गए थे। किसी भी खिलाड़ी के लिए 0 पर आउट होना बहुत ही निराशाजनक होता है। बांग्लादेश के खिलाफ धोनी अपने डेब्यू मैच में रन आउट हो गए थे। बांग्लादेश के खिलाफ धोनी अगले दो वनडे मैचों में और खेले, लेकिन उन मैचों में भी धोनी डबल डिजीट का आंकड़ा पार नहीं कर पाए।
– इसके बाद धोनी को पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू सीरीज में खेलने का मौका मिला। यहां भी धोनी पहले मैच में फ्लॉप साबित हुए। आखिरकार वो मैच आया, जब धोनी का तूफानी अंदाज पूरी दुनिया ने देखा। पाकिस्तान के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में गांगुली ने धोनी को प्रमोट कर तीसरे नंबर पर भेजा। इस मैच में धोनी ने 148 रनों की तूफानी पारी खेली। इसमें धोनी ने 15 चौके और 4 छक्के लगाए। इस मैच के बाद धोनी ने अपनी पहचान पूरी दुनिया में बना ली।
– धोनी की इस पहचान को मजबूती मिली उनकी एक और पारी से, जो उन्होंने कुछ ही महीनों बाद श्रीलंका के खिलाफ खेली। जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ 183 रन की पारी खेली। ये पारी अभी तक उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी है। धोनी ने इस मैच में 15 चौके और 10 शानदार छक्के लगाए थे।