बेहतरीन क्रिकेट विशेषज्ञ के रूप में सारी दुनिया में गावस्कर की धाक गावस्कर पिछले 50 साल से क्रिकेट से जुड़े हुए हैं। उन्होंने 17 साल तक अतंरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेली और फिर क्रिकेट कमेंटेटर बन गए। अपने प्लेइंग डेज में वह औसत स्तर क्रिकेट खिलाड़ी नहीं थे, बल्कि सबसे ज्यादा रन बनाने का विश्व कीर्तिमान उन्हीं के नाम पर था। उन्होंने ही अटूट समझा जाने वाला डॉन ब्रैडमैन सबसे ज्यादा 29 टेस्ट शतकों का रिकॉर्ड भी तोड़ा था। क्रिकेट की तकनीक के मामले में आज भी गावस्कर के ज्यादा समझ शायद ही किसी खिलाड़ी को हो। ऐसा खिलाड़ी अगर कपिल को गावस्कर ने धोनी और सचिन से भी बड़ा मैच विजेता मानता है, तो इन तथ्य की अनदेखी नहीं की जा सकती।
उपलब्धियां भी करती हैं कपिल को महान साबित गावस्कर पिछले 50 साल से क्रिकेट से जुड़े हुए हैं। ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में उन्होंने अनेक टेस्ट रिकॉर्ड भी बनाए थे। क्रिकेट पर उनकी राय को काफी महत्व दिया जाता है। गावस्कर ने धोनी, कोहली, सचिन, गांगुली, द्रविड़, कुंबले, जहीर खान और श्रीनाथ जैसे मैच विजेताओं की तुलना में कपिल देव को ज्यादा बड़ा मैच विनर माना है, क्योंकि कपिल देव की उपलब्धियां अतुलनीय हैं। जिस युग में भारत के पास शुरुआती ओवर्स में बॉलिंग करने के लिए कोई तेज गेंदबाज तक नहीं था, तब कपिल देव ने 434 टेस्ट विकेट लेकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला। इतना ही नहीं उन्होंने 5000 से ज्यादा टेस्ट रन भी बनाए थे। कपिल अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी ही नहीं क्षेत्ररक्षण से भी मैच का रुख बदलने में सक्षम थे।
गावस्कर ने कपिल को महान खिलाड़ी बनते देखा गावस्कर ने करीब 10 साल तक कपिल के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेली। इस दौरान कपिल ने एक गेंदबाज के रूप में अपना करियर शुरू किया, लेकिन जल्द ही वह बल्लेबाजी में भी अपना हुनर दिखाने लगे। कपिल तेज गति से रन बनाते थे और लंबे-लंबे छक्के मारते थे। भारत के लिए एकदिवसीय क्रिकेट में पहला शतक भी उन्होंने ही ठोका था। एकदिवसीय क्रिकेट में भारत की तरफ से पहली बार एक पारी में पांच विकेट भी कपिल ने ही लिए। गावस्कर के अनुसार उन्होंने जितने भी भारतीय क्रिकेटरों को खेलते देखा, उनमें कपिल देव सबसे महान औऱ सबसे बड़े मैच विजेता हैं। वह बैट या बॉल, या दोनों से ही भारत को मैच जिता सकते थे। टेस्ट क्रिकेट में 400 wickets and 4000 runs का डबल अब तक केवल कपिल देव ने बनाया है।
गावस्कर ने तब कपिल को स्टंप के नजदीक से गेंद फेंकने को कहा था गावस्कर के मुताबिक उन्होंने कपिल को पहली बार 1978 में चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में विल्स ट्रॉफी के एक मैच में देखा था। उस मैच में कपिल ने मुंबई के खिलाफ गेंदबाजी की शुरुआत की थी। कपिल बहुत अच्छी आउट स्विंग गेंदें फेंक रहे थे। गावस्कर ने उन्हें सुझाव दिया कि वह स्टंप के पास से गेंदबाजी करेंगे, तो उन्हें खेलना बेहद मुश्किल हो जाएगा। हुआ भी ऐसा ही। शायद इसी वजह से कपिल आज तक गावस्कर का सम्मान करते हैं।
बोर्ड अधिकारियों और क्रिकेटरों ने की थी संबंध बिगाड़ने की कोशिश भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान गावस्कर ने कहा कि क्रिकेट बोर्ड के कुछ अधिकारियों और पूर्व क्रिकेटरों ने कपिल देव के साथ उनके संबंध खराब करने की कोशिश की थी। फिर भी उनके संबंध आज भी मधुर हैं, क्योंकि दोनों ने ही अपने स्तर पर भारतीय क्रिकेट को ऊंचे मुकाम पर ले जाने का प्रयास किया। क्रिकेट के प्रति प्रतिबद्धता ने उन दोनों के संबंधों में कभी खटास नहीं आने दी।