माई डूम
साल 2004 में इस वायरस की पहचान हुई। यह वायरस भी ईमेल के जरिए फैलता है। यह वायरस mail transaction failed जैसे सब्जेक्ट के साथ आता है। यह मेल की एड्रेस बुक में ट्रांसफर होकर डेटा क्रैश कर देता है।
मेलिसा
यह खतरनाक वायरस ईमेल के जरिए कंप्यूटर में घुसता है। यह वायरस मेल बॉक्स में मौजूद लोगों को वायरस मैसेज भेज देता है। इस मैसेज के बाद यह सीधे ही नेटवर्क पर अटैक करता है। इस वायरस का नाम फ्लोरिडा की एक डांसर के नाम पर रखा गया है।
कॉनफिकर वायरस
2009 में आए इस वायरस ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स को निशाना बनाया। इससे विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले सिस्टम पर असर पड़ता है। इस वायरस का इस्तेमाल फाइनेंशियल डेटा और इन्फॉर्मेशन चुराने के लिए किया जाता है।
स्टॉर्म वॉर्म
साल 2006 से यह वायरस मुसीबत बना हुआ है। यह किसी अनजान लिंक के जरिए हमला करता है। यह वायरस मेल में आने वाले लिंक पर क्लिक करते ही डिवाइस में इंस्टॉल हो जाता है और हैकर्स को स्पैम भेजने का मौका मिल जाता है।
बीस्ट ट्रोजन हॉर्स
बीस्ट ट्रोजन हॉर्स को काफी खतरनाक माना जाता है। यह कुछ ही सेकंड में कॉपी होकर हजारों फाइल बना लेता है और पीसी से जुड़े सभी सिस्टम जैसे-वेबकैम, प्रिंटर, माउस आदि पर कंट्रोल करता है।
इन वायरस से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय यही है कि किसी भी अनजान ईमेल को ओपन नहीं करें। इसके अलावा अपने कंप्यूटर सिस्टम में ट्रस्टेड कंपनी का एंटीवायरस इंस्टॉल करके रखें और समय—समय पर उसें अपडेट करते रहें।