गीत-संगीत की नगरी में अब तेज हुए सियासत के सुर

यह सुजानगढ़ है। कालजयी रचना ‘धरती धोरां री… के रचयिता कन्हैयालाल सेठिया की सरजमीं। स्वर कोकिला लता मंगेशकर को फिल्मों में मौका देने वाले ख्यातनाम संगीतकार खेमचंद प्रकाश की धरती। जमाल सेन, शम्भू सेन, दिलीप सेन, समीर सेन और सोहिल सेन…न जाने कितने संगीतकार दिए इस माटी ने।

<p>गीत-संगीत की नगरी में अब तेज हुए सियासत के सुर</p>

आशीष जोशी
सुजानगढ़. यह सुजानगढ़ है। कालजयी रचना ‘धरती धोरां री… के रचयिता कन्हैयालाल सेठिया की सरजमीं। स्वर कोकिला लता मंगेशकर को फिल्मों में मौका देने वाले ख्यातनाम संगीतकार खेमचंद प्रकाश की धरती। जमाल सेन, शम्भू सेन, दिलीप सेन, समीर सेन और सोहिल सेन…न जाने कितने संगीतकार दिए इस माटी ने। एआर रहमान के साथ कई सुपरहिट फिल्में देने वाले गीतकार पीके मिश्रा और कथक को नई ऊंचाइयां देने वाला गंगाणी परिवार भी इसी धरती की उपज है। गीत-संगीत, कथक और साहित्य की इस उर्वरा भूमि पर इन दिनों सियासत के सुर गूंज रहे हैं। डिंगल-पिंगल की साहित्यिक जमीन पर राजनीति की बिसात अब जम चुकी है। मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही अब सुजानगढ़ में चुनावी रंगत नजर आने लगी है। गली-चौराहों पर छोटे-बड़े फ्लैक्स लग चुके हैं। बड़े होर्डिंग भी नजर आ रहे हैं, लेकिन पार्टी की झंडियां और फर्रियां नदारद है। कस्बे में चाय, ज्यूस की दुकानों और चौराहों पर चुनावी चर्चाएं तेज हो गई है। यहां मतदाता मौन नहीं है। खुलकर अपनी बात रख रहा है। ज्यूस की दुकान चलाने वाले पप्पू बोले-सुजानगढ़ ने दोनों (दिवंगत मास्टर भंवरलाल व खेमाराम मेघवाल) का कार्यकाल देख लिया। इस बार एक नया चेहरा है। किसका पलड़ा भारी है..? सवाल पर मुस्कुराते हुए बोले-साब, जिसके राजयोग लिखा होगा, वह जीत जाएगा। तभी स्कूल बेग का कारोबार करने वाले मनोज प्रजापत भी इस चर्चा में शामिल हो गए। बोले-अभी कुछ नहीं कह सकते, हवा बदलते देर नहीं लगती। आगे बढ़े तो घंटाघर में ऑटो स्टैंड के पास युवाओं के अपने तर्क और गणित थी। राजेश ने कहा-आरएलपी भी समीकरण बिगाड़ रही है। क्षेत्र में हनुमान बेनीवाल की सभाएं हो रही हैं। कॉलेज छात्र सुरेश ने कहा, विधानसभा क्षेत्र के कई गांव नागौर से सटे हैं। वहां वोटों के घु्रवीकरण से इनकार नहीं कर सकते। व्यापारी शंभूदयाल ने हंसते हुए रोचक तथ्य बताया। बोले-साब, यह सुजानगढ़ के वोटर हैं, आज तक किसी प्रत्याशी को लगातार नहीं जितवाया। …बस इससे ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा।
सालासर मौन, नहीं कोई चुनावी शोर
सालासर भी इसी विधानसभा क्षेत्र में है, लेकिन यहां चुनावी शोर तो दूर, कोई चुनावी चर्चा तक नहीं है। किसी पार्टी के बैनर, होर्डिंग, झंडे…कुछ नजर नहीं आ रहा। यहां तक कि इस बार दोनों ही पार्टियों ने अब तक अपने चुनाव कार्यालय तक नहीं खोले हैं। जबकि पिछले विस चुनाव में धर्मशालाओं में कार्यालय खोले गए थे। उल्लेखनीय है कि दोनों ही पार्टियों के जिलाध्यक्ष यहीं के हैं। चूरू जिले में वर्तमान में भंवरलाल पुजारी कांग्रेस तो धर्मवीर पुजारी भाजपा की कमान संभाल रहे हैं। सालासर से पांच किमी दूर शोभासर और दस किमी दूर मलसीसर में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की सभाएं हो चुकी हैं, लेकिन सालासर अभी अछूता है। राधेश्याम शर्मा ने कहा, सालासर में कोई चुनावी मुद्दा नहीं है। कोई समस्या नहीं है, इसलिए इतनी शांति है। संतोष कुमार सारड़ीवाल बोले-सालासर में बिजली की कोई परेशानी नहीं रहती। हां, पिछले काफी समय से शोभासर से सालासर के बीच की सड़क क्षतिग्रस्त है। इस ओर अभी तक किसी का ध्यान नहीं है।
दोनों दल लगा रहे जोर
कांग्रेस प्रत्याशी मनोज मेघवाल के समर्थन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा, प्रभारी मंत्री भंवरसिंह भाटी, मंत्री बीडी कल्ला, सालेह मोहम्मद, टीकाराम जूली, भजनलाल जाटव सभाएं कर चुके हैं। वहीं परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास की सभाएं प्रस्तावित हैं। इधर, भाजपा की ओर से प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत, केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी अरूणसिंह सभा कर चुके हैं। वहीं आरएलपी से हनुमान बेनीवाल भी ग्रामीण क्षेत्रों में सभाएं कर रहे हैं।

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