राहत की बात यह है कि खेतों में फसल नहीं होने से किसान को बड़ा नुकसान नहीं है। अधिकारियों की माने तो फिलहाल इनके दल में होने से इन्हें काबू किया जा सकता है। झुुंड से अलग-अलग होने सहित अंडे देने वाली स्थिति में जाने के बाद में इस पर नियंत्रण करना मुश्किल हो जाएगा। कर्मचारियों की माने तो पेड़ों की टहनियों पर बैठने के कारण इनपर नियंत्रण के लिए ट्रेक्टर-ट्रॉली की आवश्यकता है। लेकिन खेतों में फिलहाल फसल नहीं होने से किसान इसके खतरे से अनजान हैं। ऐसे में मदद के लिए टीम के सदस्यों को ट्रेक्टर-ट्राली उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
घांघू. मंगलवार को आए टिड्डी दल देखकर किसान सहम गए। इनको भगाने के लिए थाली, ताली और ढोल बजाकर भगाने का प्रयास करते नजर आए। भामासी के अरविंद भांबू ने बताया कि ढाई बजे के आसपास गांव से टिड्डियों का दल निकला जो गिनड़ी और लालासर गांव की तरफ से आया था। श्योदानपुरा के किसान बजरंगलाल गेट ने बताया कि टिड्डियों का दल जो ख्याली गांव की तरफ से श्योदानपुरा और बासजैसेका से होते हुए बाडेट की तरफ रुख कर गया।
टिड्डी दल के हमले से सहमा किसान
सरदारशहर. एक तरफ कोरोना का संकट गहराया हुआ है। दूसरी तरफ इलाके में पहुंची टिडिडयों ने किसानों की नींद उड़ा दी है। जिधर से टिड्डी गुजरी फसलों को चौपट कर दिया। ऐसे में किसानों को भारी नुकसान हुआ है। टिड्डी ने रोलासर, तोलासर, भाटवाला, दल्लूसर, सावर, खेजड़ा, पिचकराई, ढाणी पोटलिया, कुसुमदेसर, बिजरासर, सावर आदि गांवों में किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। किसानों ने खूब थाली, ढोल, नगाड़े आदि बजाकर टिड्डी को भगाने का प्रयास किया। मंगलवार को अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश महामंत्री छगनलाल चौधरी ने तहसील के एक दर्जन से ज्यादा गांवों का दौरा किया और किसानों की समस्याएं सुनी।
चौधरी ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से आया टिड्डी दल ने किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। जिसकी सूचना प्रशासन को दी गई। सूचना के बाद पटवारी व ग्रामसेवक गांव में पहुंचकर किसानों की फसलों का जायजा ले रहे हैं। इस दौरान एक किसान टिड्डी दल से हुए नुकसान की जानकारी देते हुए भावुक हो गया और बोला कि अब ऋण कैसे चुकाया जाएगा। इधर विधायक भंवरलाल शर्मा ने टिडडी दल को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और नुकसान का मुआवजा दिलाने की मांग की है।