22 वर्ष की उम्र से खेलना शुरू किया और दौड़ में हासिल किया स्वर्ण पदक

कहते हैं कि मेहनत करने वालों के लिए हर राह आसान हो जाती है। चाहे वह खेल का क्षेत्र हो या फिर कोई अन्य। किसी चीज के लिए यदि लक्ष्य बनाकर उस पर काम किया जाए तो परिणाम सुखद नजर आते हैं।

<p>22 वर्ष की उम्र से खेलना शुरू किया और दौड़ में हासिल किया स्वर्ण पदक</p>

चूरू. कहते हैं कि मेहनत करने वालों के लिए हर राह आसान हो जाती है। चाहे वह खेल का क्षेत्र हो या फिर कोई अन्य। किसी चीज के लिए यदि लक्ष्य बनाकर उस पर काम किया जाए तो परिणाम सुखद नजर आते हैं। ऐसा ही काम देपालसर गांव के राकेश भेड़ा ने करके दिखाया है। 22 वर्ष की उम्र से खेल शुरू करने वाले राकेश ने कड़ी मेहतन के बल पर ये मुकाम हासिल किया है। मूलाराम भेड़ा के घर 1994 में जन्मे राकेश भेड़ा ने युवाओं को सीख दी कि किसी प्रतियोगिता के लिए मेहनत की जाए तो परिणाम सुखद और सकारात्म ही आते हैं। प्रस्तुत है पैरा खिलाड़ी राकेश भेड़ा से बातचीत के प्रमुख अंश-

सवाल: आपका खेलों के प्रति रूझान कैसे बना।
जवाब: ग्रामीण परिवेश से हूं। सरकारी स्कूल से ही मेरी शिक्षा हुई है। जब वर्ष 2016 में पैरा रियो ओलंपिक हुए तो उस प्रतियोगिता में देवेन्द्र झाझडिय़ा और सुंदर गुर्जर को खेलते हुए देखा। इसके बाद उसकी भी खेलने के प्रति रूचि जागरूक हुई।
सवाल: आपने खेलों के लिए कैसे तैयारी की।
जवाब: पैरा ओलंपियन सुंदर गुर्जर के कोच महावीर सैनी से संपर्क किया। उनसे तैयारी करवाने का आग्रह किया। इसके बाद उन्होंने जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में करीब एक साल तक तैयारी करवाई और खेल की बारीकियों के बारे में बताया। वहां से तैयारी करने के बाद चूरू आया और जिला खेल स्टेडियम में तैयारी की। फिर चंडीगढ़ गया वहां तैयारी की। यहां कोच नहीं मिला तो गांव लौट आया।
सवाल: क्या दौड़ में शुरु से ही शोक था या बाद में इसे अपनाया
जवाब: पहले उसका जैवेलियन थ्रो में शोक था लेकिन इसमें सफलता नहीं बनी तो कोच महावीर सैनी ने दौड़ के लिए प्रेरित किया। उन्होंने दौड़ के लिए बेहतरीन तैयारी करवाई। जयपुर में साल भर अच्छी तैयारी की। इसके बाद वर्ष 2019 में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेकर चार स्वर्ण पदक हासिल किए। 2020 फरवरी में जोधपुर में ंराज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया और स्वर्ण पदक जीता।
सवाल: अब तक आप कौनसी प्रतियोगिताएं खेल चुके हैं।
जवाब: वर्ष 2020 में दुबई में इंटरनेशल वल्र्ड ग्रांड प्रिक्स थी। इसके लिए जीतोड़ मेहनत की थी। इसमें पदक लाने की पूरी संभावना थी लेकिन कोरोना के चलते लॉक डाउन लग और वह खेलने नहीं जा सके। फरवरी 2021 में दुबई में इंटरनेशल वल्र्ड ग्रांड प्रिक्स में शामिल हुआ ओर चौथी रैंक पर रहा। मार्च 2021 में 19वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 24 से 27 मार्च तक हुई। जिसमें 15 सौ मीटर दौड़ में एक स्वर्ण पदक और 800 मीटर में रजत पदक हासिल किया।

सवाल: लॉक डाउन में आपकी तैयारी किस प्रकार रही
जवाब: लोक डाउन के कारण चूरू स्टेडियम में नहीं जा सका। लेकिन अभ्यास निरंतर जारी रखा। देपालसर गांव में ही मैने दौड़ का प्रयास साथियों के सहयोग से जारी रखा।

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