रतनगढ़ टिकट का फैसला जयपुर में वार्ता के बाद होगा

भाजपा के दूसरे गुट ने सीएम का स्वागत कर रखी रिणवा को टिकट नहीं देने की मांग

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रतनगढ़.
गौरव यात्रा लेकर मंगलवार को रतनगढ़ पहुंची सीएम राजे का भाजपा के एक गुट ने चुंगी नाके के पास स्वागत किया। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने यहां सीएम का रथ रुकवाकर उनका 51 किलो की फूलमाला पहनाकर व चूनड़ी ओढ़ाकर स्वागत किया। सेहला से रतनगढ़ तक वसुंधरा की गौरव यात्रा के आगे बाइक रैली निकाली गई। इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ लोगों ने सीएम को ज्ञापन सौंपकर रिणवा को टिकट न देकर किसी अन्य को पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने की मांग की। सीएम ने ज्ञापन को पढऩे के बाद रथ में बैठे-बैठे ही एकत्रित भीड़ को माइक से संबोधित किया। सीएम ने कहा कि पांच से १५ अक्टूबर के बीच आपको जयपुर बुलाकर वार्ता की जाएगी। वार्ता के बाद ही रतनगढ़ का टिकट दिया जाएगा। नेहरू स्टेडियम में हुई गौरव यात्रा सभा में सीएम राजे ने कहा कि राजस्थान देश में शिक्षा के क्षेत्र में दूसरे नंबर पर आ गया है। किसानों को 50 हजार तक के ऋण माफ, 6600 विद्यालय क्रमोन्नत, लोसल-सालासर-रतनगढ़ सड़क मार्ग के लिए 190 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा सीकर से बीकानेर 240 किमी सड़क के लिए ६५१ करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। रतनगढ़ की 38 पंचायतों में गौरव पथ बनाए गए हैं। जो रेकार्ड है। .32 मिनट के उद्बोधन में राज्य के विकास के आंकड़े गिनाए। इससे पहले पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़, देवस्थान राज्य मंत्री राजकुमार रिणवा, सांसद राहुल कस्वां, विधायक खेमाराम मेघवाल, जिलाध्यक्ष वासुदेव चावला, पालिकाध्यक्ष इंद्रकुमार उपस्थित थे। संचालन श्याम पारीक व मनोज चारण ने किया।
ये थे रिणवा विरोधी गुट के लोग
चुंगी नाके के पास एडवोकेट बजरंग गुर्जर, भागीरथ सिंह राठौड़, शिव भगवान कम्मा, अरविंद इंदौरिया, हरिप्रसाद दायमा, दीनदयाल पारीक, गिरधारी खीचड़ सहित अनेक कई जनप्रतिनिधि, भाजपा पदाधिकारी, सैंकड़ों महिलाएं व बड़ी संख्या में पुरुष उपस्थित थे। गोशाला के पास नाचने वाले ऊंट व घोड़ी के मालिक से भी सीएम ने वार्ता की।
चूरू में बोली सीएम पांच साल का हिसाब देने आई हूं

चूरू. भाजपा की गौरव यात्रा मंगलवार को चूरू पहुंची। यात्रा की सभा उसी स्थान पर हुई जहां कुछ दिनों पूर्व कांग्रेस ने संकल्प रैली की थी। पुलिस लाइन मैदान में हुई सभा में संकल्प को गौरव यात्रा के माध्यम से टक्कर देकर भाजपा ने कांगे्रस मुक्त जिले का नारा दिया है। गौरव यात्रा लेकर आई मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने भाषण की शुरूआत चूरू जिले के स्वतंत्रता सैनानियों, शहीदों को याद करके की।
उन्होंने कहा कि वे चूरू के शहीदों को सलाम करती हैं। सभा में पंचायत राज मंत्री राठौड़ ने मुख्यमंत्री से इन्द्रमणि पार्क के पास आरयूबी, सड़कों के लिए बजट व सैनिक एकेडमी खोलने की मांग की। जिसमें से मुख्यमंत्री ने भाषण के दौरान दो मांगे मान ली। सीएम ने आरयूबी बनाने और सड़कों के लिए दस करोड़ रुपए देने की घोषणा की। लेकिन सैनिक एकेडमी पर सीएम ने मुह नहीं खोला। जबकि २०१४ में सीएम ने खुद सैनिक एकेडमी खोलने की घोषण की थी।
सांसद ने गिनाए अपने काम:

सांसद राहुल कस्वां ने कहा कि जिले में अनेक स्कूलें ऐसी थी जहां बिजली नहीं थी लेकिन वे स्कूलों में बिजली लेकर आए। चूरू जिले को शिक्षा के क्षेत्र में सिरमौर बनाने के लिए राजस्थान सरकार जुटी है। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक कार्यों के बल पर ही भाजपा सत्ता में आएगी। सांसद ने अपने कोटे कार्यों को बखूगी गिनाया।
जनता ने दिया जवाब=

जिलाध्यक्ष डा. वासुदेव चावला ने कहा आज की भीड़ ने कांग्रेस की संकल्प रैली को मुहतोड़ जवाब दे दिया है। कांग्रेस ने संभाग रैली कर जितनी भीड़ जुटाई थी उससे अधिक भीड़ चूरू विधानसभा ने अकेले जुटा दी।
 

विकलांग को देख सीएम ने रोका रथ

सभा के बाद रथ से रवाना होते समय सीएम ने सुरक्षा कर्मियों से कहा कि लोगों को धक्का मत दो ये अपने ही हैं। इस पर उनकी नजर एक विकलांग पर पड़ी तो उन्होंने रथ को रोक दिया और कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल को बुलाकर पीडि़त की समस्या सुनी और कलक्टर को शीघ्र निदान करने का निर्देश दिया।
 

राठौड़ ने निभाई मित्रता

 

मंत्री राठौड़ व भरतपुर विधायक रहे डा. दिगम्बर सिंह की मित्रता जगजाहिर थी। आज वो इस दुनिया में नहीं है। ऐसे में राठौड़ ने सभा स्थल पर पांडाल को डा. दिगम्बर सिंह सभागार नाम देकर अपनी मित्रता निभाई। संबोधन में भी राठौड़ ने कहा चूरू में जब भी कोई सभा होती थी तो एक कुर्सी दिगंबर सिंह की भी होती थी। आज वे नहीं है तो इस सभागार का नाम उनके नाम पर रखा गया है। मंत्री राठौड़ ने संबोधन में जनता से पूछा भाइयों की बहन कौन। जनता ने जवाब दिया वसुंधरा राजे। फिर पूछा बहनों का भाई कौन तो जनता बोली राजेंद्र राठौड़।
 

महिलाओं की भीड़ की रही चर्चा
सीएम की सभा में महिलाओं की भीड़ चर्चा में रही। सभा के बाद लोगों का कहना था कि कुछ महिलाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनी थी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा सहयोगीनियों को मोबाइल हैंडसेट दिए जाने की बात कहकर बुलाया गया था। मगर बाद में मोबाइल नहीं मिलने पर वे निराश नजर आई।

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