कायाकल्प में बदली काया, प्रदेश में टॉप, 15 लाख का मिलेगा पुरस्कार

प्रदेश में चिकित्सा संस्थानों के लिए शुरू किए गए कायाकल्प कार्यक्रम में चूरू जिले का दूधवाखारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ने प्रदेश स्तर पर प्रथम स्थान हासिल किया है।

<p>कायाकल्प में बदली काया, प्रदेश में टॉप, 15 लाख का मिलेगा पुरस्कार</p>

चूरू. प्रदेश में चिकित्सा संस्थानों के लिए शुरू किए गए कायाकल्प कार्यक्रम में चूरू जिले का दूधवाखारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ने प्रदेश स्तर पर प्रथम स्थान हासिल किया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि कायाकल्प कार्यक्रम के तहत चिकित्सा संस्थान पर विभिन्न मापदण्ड व चिकित्सा सुविधा का निरीक्षण कर यह रैंकिंग प्रदान की जाती है। वर्ष 2020-21 के लिए जिले की दूधवाखारा सीएचसी को प्रदेश स्तर पर प्रथम स्थान मिला है। प्रथम स्थान पर रहने पर 15 लाख का पुरस्कार राज्य स्तर से दिया जाएगा। राजकीय डेडराज भरतिया चिकित्सालय को 70 प्रतिशत से अधिक अंक मिलने पर 3 लाख रुपए का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इससे पूर्व जिले में राज्य स्तरीय कायाकल्प एसेसमेंट निरीक्षण में इसी वर्ष शहरी स्वास्थ्य मिशन की चूरू शहर के अग्रसेन नगर यूपीएचसी को बीकानेर जोन में प्रथम स्थान मिला है। जिसे 2 लाख रुपए का कायाकल्प पुरस्कार दिया गया है। अग्रसेन नगर युपीएचसी ने 91 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हंै। चूरू शहर के डाबला रोड युपीएचसी तथा सरदारशहर के वार्ड नंबर 2 व वार्ड 13 की यूपीएचसी को भी 50-50 हजार रुपए पुरस्कार के रूप में मिलेंगे।
जिला स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खण्डवा पट्टा प्रथम
कायाकल्प कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी व अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भंवरलाल सर्वा ने बताया कि कायाकल्प कार्यक्रम में जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी का जिला स्तरीय टीमों व राज्य स्तरीय टीमों की ओर से निरीक्षण किया जाता है। उसके आधार पर ही राज्य स्तर पर मार्किंग कर स्थान तय किया जाता है। जिला स्तर पर क्वालिटी चैम्पियन डीपीएम संग्राम सिंह व हैल्थ मैनेजर अनुज शर्मा की टीम बनाई गई है। जिला स्तर पर पीएचसी में प्रथम स्थान पर एक लाख रुपए का पुरस्कार खण्डवा पट्टा को दिया गया है। द्वितीय स्थान पर लाछड़सर पीएचसी तथा तृतीय स्थान पर फोगा पीएचसी को 50-50 हजार रुपए का पुरस्कार मिला है।
इनको भी मिलेंगे ५०-५० हजार रूपए
कायाकल्प कार्यक्रम के तहत पांच उप स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे रहे हैं जिन्होंने 70 प्रतिशत से अधिक मार्किंग हासिल की है। जिन्हें 50-50 हजार रूपये का पुरस्कार दिया जाएगा। जिसमें उप स्वास्थ्य केन्द्र भनीण, रैया टुण्डा, जैतपुरा, राउताल, जैतासर शामिल है।
सीएचसी को पीेछे छोड़ा
विभिन्न निरीक्षण के बाद राज्य स्तरीय टीम निरीक्षण में अन्य जिले की सीएचसी आगे थी। राज्य स्तर पर टीम को पत्र लिखकर फिर से निरीक्षण करवाया गया। इस दौरान राज्य स्तर से हुए वर्चुअल निरीक्षण में सीएचसी ने दूसरी सीएचसी को पीछे छोड़ते हुये 97 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर प्रदेश में नम्बर वन स्थान प्राप्त किया।
बार कोड से बायोवेस्ट मैनेजमेंट, सीएचसी की खुद का वेब एड्रेस
सीएचसी प्रभारी डॉ. कमल धानिया ने बताया कि कायाकल्प कार्यक्रम के तहत सीएचसी पर बायोवेस्ट मैनेजमेंट, स्वच्छता, वाटर हार्वेटिंग सिस्टम, रिकार्ड मैनटेंन सहित सात बिन्दुओं पर निरीक्षण के दौरान मार्किंग होती है। उन्होंने बताया कि सीएचसी को सबसे अधिक मार्किंग बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण पर मिलें। बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए अलग-अलग बॉक्स पर बार कोडिंग सिस्टम शुरू किया गया। जिससे बायोमेडिकल निस्तारण के दौरान सीधे बार कोड को स्कैन कर पता किया जा सकता था कि किस बॉक्स में किस तरह का बायोमेडिकल वेस्ट भरा है। इसके अलावा सीएचसी की स्वयं की वेबसाईड बनाई गई। साथ ही सीएचसी का ईग्राम आईडी, एसपीपी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन व सीएचसी का पेनकार्ड तथा जीएसटी नम्बर भी है।

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