इस दौरान उनसे कहा कि अगर आपको अपना सामान लेना है तो जयपुर बैंक मुख्यालय में सम्पर्क कर लेना। इसके अलावा जो घर रहन थे, उन घरों में रह रहे मालिकों ने तुरन्त घर खाली करने से मना कर घरों से बाहर निकलने से इनकार कर दिया. तब एक बारगी तो महिला पुलिस जाप्ता आदि बुलाकर खाली करवाने के प्रयास किए गए, मगर उसके बाद भी खाली नहीं करते देख पुलिस की अगुवाई में साहवा थानाधिकारी गोविन्दराम, बैंक शाखा प्रबंधक राजेश कुमार व वसूली के लिए जयपुर से आए एसबीआई के सहायक महाप्रबंधक सुनील चावला, जयपुर वसूली प्रभाग के मुख्य प्रबंधक देवीशंकर आदि बैंक अधिकारियों, वसूली कम्पनी के प्रतिनिधियों आदि घरों के मालिकों से समझौते पर सहमत हो गए। इसके बाद घरों को खाली करने के लिए दीपावाली तक का समय बढ़ा दिया गया और शेष संपत्तियां यथा स्थिति में कब्जा कर किराएदारों के समान सहित अपने कब्जे में ले लीं।
गौरतलब है कि स्वास्तिक ग्वार गम इंडस्ट्रीज साहवा पर एसबीआई साहवा का करीब ४ करोड़ रुपए का ऋण था, जो काफी वर्षों पहले एनपीए हो गया और यह वर्तमान में साढ़े ६ करोड़ के करीब हो चला है। इंडस्ट्रिीज घाटे के चलते दीवालिया हो गई और इसी दौरान इंडस्ट्रिीज के एक मालिक महेन्द्रकुमार अग्रवाल व दो गारन्टर विनोदकुमार व सुनीतादेवी की मृत्यु भी हो चुकी है। कार्रवाई के दौरान साहवा के दुकानों पर कब्जा करते समय दर्जनों बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों, कई दर्जन बैंक व वसूली कम्पनी के निजी गार्डों सहित बाजार के लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई जिसे रोकने व मास्क आदि के लिए पाबंद करने के लिए पुलिस भी कुछ नहीं कर पाई।
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