शंभूपुरा कस्बे के महावीर भवन में शुक्रवार को जैन धर्म की दो अलग-अलग परम्पराओं के संतों ने संयुक्त रूप से प्रवचन देते हुए श्रावक-श्राविकाओं को जैन एकता व भगवान महावीर स्वामी के दिखाए मार्ग पर चलने का संदेश दिया। जैन धर्म की मूर्तिपूजक परम्परा से आने वाले राष्ट्रसंत ललितप्रभ ने जीवन जीने के मन्त्र बताते हुए कहा कि अपनी सोच हमेशा सकारात्मक रखो।
चित्तौड़गढ़•Feb 28, 2020 / 11:24 pm•
Nilesh Kumar Kathed
भगवान महावीर के उपासक किन संतों का 35 वर्ष बाद हुआ मिलन