चित्तौड़गढ़

यहां दिखा भारतीय संस्कृति के रंग

चित्तौडग़ढ़. कहीं राजस्थानी कालबेलिया नृत्य की झलक तो कश्मीरी डांस का नजारा, फंगडे की धून पर थिरकते लगो तो कच्छी नृत्य का नजारा। जी हां भारतीय संस्कृति के अलग-अलग रंग एक अलग ही छठा बिखेर रहे थे। यह अवसर था शुक्रवार को यहां गौरा बादल स्टेडियम में तीसरे चित्तौड़ फोर्ट फेस्टिवल के शुभारंभ का। शहर के गौरा बादल सटेडियम में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने यहां फोर्ट फेस्टिवल का शुभरंभ किया।

चित्तौड़गढ़Mar 12, 2021 / 12:13 pm

Avinash Chaturvedi

यहां दिखा भारतीय संस्कृति के रंग

चित्तौडग़ढ़. कहीं राजस्थानी कालबेलिया नृत्य की झलक तो कश्मीरी डांस का नजारा, फंगडे की धून पर थिरकते लगो तो कच्छी नृत्य का नजारा। जी हां भारतीय संस्कृति के अलग-अलग रंग एक अलग ही छठा बिखेर रहे थे। यह अवसर था शुक्रवार को यहां गौरा बादल स्टेडियम में तीसरे चित्तौड़ फोर्ट फेस्टिवल के शुभारंभ का। शहर के गौरा बादल सटेडियम में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने यहां फोर्ट फेस्टिवल का शुभरंभ किया। इस मौके पर विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या, कांग्रेस नेता सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत, सभापति संदीप शर्मा, प्रधान देवेन्द्र कंवर, कपासन प्रधान भैरूलाल चौधरी, जिला कलक्टर के.के.शर्मा, पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव आदि मौजूद थे। इस मौके पर मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि चित्तौडग़ढ़ का इतिहास निराला है। यह भक्ति एवं शक्ति के लिए जाना जाता है। इस तरह के आयोजनों से युवाओं को चित्तौडग़ढ़ के गौरवमयी इतिहास की जानकारी मिलेगी। उन्होंने गुबारे उड़ाकर फोर्ट फस्टिवल का आगाज किया। इसके बाद यहां से दुर्ग के लिए शोभायात्रा रवाना हुई। जिसमें ऊटों की सवारी, हाथी की सवारी, गैर नृत्य की झांकी, कालबेलिया, नृत्य, कच्छ नृत्य, फंगड़ा, कश्मीरी नृत्य, कलश यात्रा आदि की झांकियां रंगबिरंगी वेशभूषा में भारतीय संस्कृति की छइा बिखेर रही थी। इसके बाद दुर्ग पर पतंगबाजी, अश्व प्रतियोगिता आदि भी हुई। इससे पूर्व सांस्कृतिक काय्रक्रमों की प्रस्तुति भी हुई।

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