कोरोना की वजह से चार महीने पहले घोषित सम्पूर्ण लॉकडाउन में अपने गांव घर शहर जिले व राज्य से अन्यत्र कमाने गए हजारों लाखों प्रवासी मजदूर वापस अपने पैतृक स्थानों पर लौट आए थे. पेट पालने के लिए मजदूरों को मनरेगा व कई अन्य सरकारी योजनाओं का सहारा मिला. लेकिन अब जब लॉक डाउन लगभग पूरी तरह से अनलॉक हो गया है तो एक बार फिर प्रवासी मजदूरों का परदेस लौटना शुरू हो चुका है. बतौर उदाहरण जनपद के पहाड़ी विकास खण्ड के कहेटा गांव के मजदूरों को लेने गुजरात से एक बस भेजी गई. ये बस वहां के साड़ी कारखाने के मालिकों ने भेजी. प्रवासी मजदूर रामलखन, राजू, कल्लू, राकेश, राजेश आदि ने बताया कि पिछले चार महीने से वे अपने गांव में हैं लेकिन रोजगार के पर्याप्त साधन न होने से आर्थिक स्थिति गड़बड़ होती जा रही है. मजदूरों के मुताबिक वे लोग गुजरात में साड़ी कारखाने में काम करते थे. अब उनके मालिकों ने उन्हें वापस बुलाने के लिए बस भेजी है.
प्रवासी मजदूरों ने बताया कि कारखाने के मालिकों से मजदूरी व अन्य सुविधाओं को लेकर बात पक्की होने पर ही वे वापस जा रहे हैं. बस मालिक मोहन चंदानी के मुताबिक एक लाख बीस हजार में बुकिंग की गई है बस की.