चित्रकूट में जहरीली शराब पीने से 5 की मौत, अब तक 11 सस्पेंड

उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, प्रयागराज और प्रतापगढ़ के बाद अब चित्रकूट में लोगों की गई जान

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
चित्रकूट. उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। पहले प्रयागराज फिर प्रतापगढ़ और अब चित्रकूट जिले के राजापुर थाना क्षेत्र के खोपा गांव में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई। चार लोगों की हालत गंभीर है, जिनका प्रयागराज एसआरएन हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेते हुए शासन ने उपजिलाधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी समेत 11 अधिकारियों-कर्मियों को निलम्बित कर दिया है। साथ ही इलाके में शराब का ठेका चलाने वाले राम प्रकाश यादव व किराना व्यापारी त्रिलोक सिंह को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।
गृह विभाग के अनुसार, चित्रकूट में जहरीली शराब से मौतों के मामले में 11 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इनमें अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निर्वहन न करने वाले राजापुर के एसडीएम राहुल कश्यप विश्वकर्मा, क्षेत्राधिकारी राम प्रकाश और जिला आबकारी अधिकारी चतर सेन को निलंबित करने के निर्देश दिये गये हैं। वहीं, घटना के संबंध में लापरवाही को देखते हुए बृजेश पांडे (उपनिरीक्षक) हल्का प्रभारी व बीट कांस्टेबल भूपेन्द्र सिंह व सम्बंधित लेखपाल राजेश सिंह, आबकारी सिपाही सुशील पांडेय, संदीप मिश्रा को भी निलम्बित किया गया है। खोपा गांव के चौकीदार सुनील कुमार को भी हटा दिया गया है। इसके अलावा देशी शराब के अनुज्ञापी रामप्रकाश यादव की दुकान को सीज कर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। गांव में त्रिलोक सिंह की परचून की दुकान को भी सीज कर दिया गया है और वह भी पुलिस की हिरासत में हैं।
जानकारी के मुताबिक, शनिवार रात को खोपा गांव के ग्रामीणों ने एक किराना स्टोर से देसी शराब खरीदकर पी थी। देर रात छह की हालत बिगड़नी शुरू हो गई। रविवार सुबह कुछ लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजापुर व निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मुन्ना सिंह (40 साल), सत्यम सिंह उर्फ छोटू (40 साल), दुर्विजय सिंह उर्फ दादू (37 साल), सीताराम (50 साल) और बबली की मौत हो गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि शनिवार को पंचायत चुनाव की आरक्षण सूची में गांव की सामान्य सीट घोषित होने के बाद कुछ लोग देसी शराब का सेवन कर रहे थे। जहरीली शराब से मौत की जानकारी मिलते ही चित्रकूट धाम मंडल के आईजी सत्यनाराणय और कमिश्नर डीपी सिंह मौके पर पहुंचे और घटना की पूरी जानकारी ली। साथ ही शराब माफियाओं और लापरवाह अफसरों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्दश दिये थे।
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प्रयागराज में 13 और प्रतापगढ़ में 4 की हुई थी मौत
मार्च महीने में ही पहले प्रयागराज के हंडिया थाना क्षेत्र के बींदा, संग्रामपट्टी, सराय मंसूर समेत कई गांवों में जहरीली शराब पीने से अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भी कई अस्पताल में भर्ती हैं। मामले में अब तक इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसवालों और तीन आबकारीकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। वहीं, 15 मार्च को प्रयागराज में जहरीली शराब पीने से एक महिला समेत चार की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद इस मामले में भी जिला आबकारी अधिकारी समेत तीन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। इससे पहले सम्बंधित थाना क्षेत्र के थानाध्यक्ष, दरोगा और 2 सिपाहियों को पहले ही निलम्बित किया जा चुका था।
कोई ऐसा जिला नहीं जहां मौतें न हुई हों : अजय लल्लू
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ट्वीट करते हुए कहा कि जहरीली शराब पीने से चित्रकूट में 5 लोगों ने दम तोड़ दिया। चार सालों में ऐसा कोई जिला नहीं जहां मौतें न हुई हों। सूबे का गरीब सरकारी संरक्षण में पल रहे शराब माफियाओं का निवाला बन रहा है। ‘ठोको नीति’ की कानून-व्यवस्था ने उप्र को ‘माफिया राज’ में बदल दिया है।
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