जनपद मुख्यालय से करीब साढ़े चार किलोमीटर दूर ऊंचे पहाड़ घने जंगलों बीहड़ों के बीच स्थित है देवांगना हवाई पट्टी. चारों तरफ घने जंगल पहाड़ी घाटियां और ऊंचाई से नज़र आती प्राकृतिक वादियां निश्चित रूप से हवाई यात्रियों को अपने मोहपाश में बांधने के लिए काफी हैं. पर्यटन की दृष्टि से तो ये हवाई पट्टी सिर्फ जिले के लिए ही नहीं बल्कि बुन्देलखण्ड के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी. बस जिम्मेदारों की इच्छाशक्ति कम न हो. पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित देवांगना हवाई पट्टी प्रकृति प्रेमियों के लिए खासी दिलचस्प होगी. हवाई पट्टी पर विमान की लैंडिंग के बाद आप खूबसूरत नजारों को अपनी आंखों में कैद कर सकेंगे. फोटोग्राफी के शौकीन यात्रियों को भी यहां निराश नहीं होना पड़ेगा. हवाई पट्टी तक पहुंचने के लिए यदि ऊंची पहाड़ी चढ़ाई है तो नीचे उतरते वक्त तेज ढलान और खाई रोमांच उत्पन्न करते हैं.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जिले को हवाई रूट से जोड़ने की हरी झंडी लगभग मिल चुकी है और अब लोगों को बेसब्री से उस दिन का इंतजार है जब खुशनुमा वादियों के बीच स्थित जिले की देवांगना हवाई पट्टी पर यात्री विमानों का इंजन गरजेगा. हालांकि अभी वीआईपी लोगों के विमान ही हवाई पट्टी को चूमते आए हैं. अब मंत्रालय की तरफ से यात्री विमानों को हवाई मार्ग से जोड़ने की हरी झंडी मिलने के बाद जिले में भी ख़ुशी की लहर है. इस सुविधा के शुरू हो जाने से जनपद को पर्यटन के क्षेत्र में काफी सहूलियतें मिलने की उम्मीद है. जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने कहा कि इस तरह से आवागमन सुगम होने से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा व विकास होगा.