छिंदवाड़ा

Railway: रेलवे द्वारा बनाई गई 25 मीटर ऊंची ब्रिज नंबर-83 की सामने आई यह हकीकत

कार्यों के विलंब होने की नई वजह सामने आई है।

छिंदवाड़ाFeb 13, 2020 / 11:34 am

ashish mishra

Railway: रेलवे द्वारा बनाई गई 25 मीटर ऊंची ब्रिज नंबर-83 की सामने आई यह हकीकत


छिंदवाड़ा. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत छिंदवाड़ा से नागपुर रेल परियोजना में भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच बने ब्रिज नंबर-83 पर हो रहे कार्यों के विलंब होने की नई वजह सामने आई है। बताया जाता है कि ब्रिज में कुछ तकनीकी खामी सामने आई है। जिसके वजह से हर हफ्ते गेज कन्वर्जन विभाग का कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य आगे बढ़ता जा रहा है। सूत्रों की मानें तो इस तकनीकी खामी को दूर करने के लिए बीते दिनों रेलवे की एक्सपर्ट टीम भी इस ब्रिज का निरीक्षण कर चुकी है। उन्होंने गेज कन्वर्जन विभाग को खामी दूर करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। हालांकि गेज कन्वर्जन विभाग के अधिकारी इससे इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि ब्रिज के नीचे रिटर्निंग वॉल एवं ऊपर ड्रेन का काम चल रहा है जो फरवरी माह के अंत तक हर हाल में पूरा हो जाएगा।
खामी बढ़ी हुई तो काफी विलंब से पूरी होगी परियोजना
ब्रिज नंबर-83 पर तकनीकी खामी अगर बड़ी हुई तो छिंदवाड़ा से नागपुर रेल परियोजना के पूरे होने में काफी समय लग सकता है। हालांकि रेलवे के अधिकारी इस खामी को दूर करने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ परियोजना के विलंब से पूरे होने में इलेक्ट्रिक कार्य भी अड़चन डाल रहा है। बताया जाता है कि छिंदवाड़ा से भंडारकुंड कुल 20 किमी घाट सेक्शन में इलेक्ट्रिक एवं ब्रिज नंबर-83 के कार्य पूरे होने के बाद ही सीआरएस को आमंत्रण देने की योजना है।
25 मीटर ऊंचा बनाया गया है ब्रिज नंबर-83
भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग पर ब्रिज नंबर-83 को 25 मीटर ऊंचा बनाया गया है। गेज कन्वर्जन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसे बनाने में हर मापदंड को ध्यान में रखा गया है। इसमें ऐसी कोई खामी नहीं है जिस पर सवाल उठाया जाए। बता दें कि गेज कन्वर्जन विभाग ने बारिश की वजह से रिटर्निंग वॉल के कार्यों में अड़चन होना बताया था।

क्यों उठ रहे सवाल
रेलवे से जुड़े जानकारों का कहना है कि रिटर्निंग वॉल बनाने के लिए अधिकतम एक माह का समय प्रर्याप्त है। ब्रिज नंबर-83 पर तीन माह से रिटर्निंग वॉल का कार्य हो रहा है। ऐसे में इस पर सवाल उठना स्वाभाविक है। तकनीकी खामी की वजह से ही सीआरएस ने दिसंबर माह में भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग का निरीक्षण नहीं किया था।
हर हाल में कार्य पूरा हो जाएगा
ब्रिज में कोई तकनीकी खामी नहीं है। ब्रिज के नीचे रिटर्निंग वॉल एवं ऊपर ड्रेन बनाया जा रहा है। फरवरी माह के अंत तक हर हाल में कार्य पूरा हो जाएगा।
एके सिंह, डिप्टी सीई, गेज कन्वर्जन विभाग


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