छिंदवाड़ा

पंढुरपुर न जा पाए तो यहां आए… हर उमड़ते है हजारों भक्त

बेरडी ग्राम के बारे में मान्यता है कि वि_ल भक्त किसान को उन्होंने स्वप्न में दर्शन दिए। किसान ने स्वप्न के अनुसार खेत में खुदाई कि तो भगवान विट्ठल-रुक्मिणी की प्रतिमा प्रकट हुई।

छिंदवाड़ाOct 24, 2021 / 06:57 pm

Sanjay Kumar Dandale

pandharpur

छिंदवाड़ा/सौंसर. बेरडी में शनिवार को दिन भर श्रीहरि विट्ठल के जयकारे लगते रहे। अखंड हरिनाम संकीर्तन सप्ताह के समापन अवसर पर बेरडी, सौंसर, रामाकोना, पिपला, घोटी, सवरनी, परतापुर, रामपेठ, जोबनी, खापा, रंगारी सहित आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
बेरडी ग्राम के बारे में मान्यता है कि वि_ल भक्त किसान को उन्होंने स्वप्न में दर्शन दिए। किसान ने स्वप्न के अनुसार खेत में खुदाई कि तो भगवान विट्ठल-रुक्मिणी की प्रतिमा प्रकट हुई। यहां मन्दिर का निर्माण हुआ। वारकरी सम्पदाय के लोग हर साल पैदल पंढरीनाथ की वारी को जाते हैं। महोत्सव के दौरान बेरडी में भी बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। यहां गोपालकाला को उछालकर दिया जाता है। लोग अपने आंचल और कपड़ों में गोपाल काला लेते हैं। मराठी में कहावत है गोपाल काला गोड झाला, ज्यायचा दैवात होता त्याला, मीळाला अर्थात जिसके किस्मत में यह है । उसी को गोपाल काला प्रसाद मिलेगा।
संत भोज
अखंड हरिनाम संकीर्तन के सातों दिन ग्रामवासियों द्वारा संतों को भोज कराया जाता है । आखरी दिन हर मोहल्ले में महाप्रसाद का आयोजन होता है।भोज के लिए दान भी खूब मिलता है। मंदिर के स्वयं की लगभग २० एकड़ भूमि है।
पदयात्रियों की सेवा
महोत्सव में शामिल होने के लिए सामाजिक,धार्मिक संगठन सौंसर से बेरडी तक वाहनों की व्यवस्था करते हैं। लेकिन सैकडों लोग सौंसर से बेरडी तक पैदल ही जाते है। रास्ते में भक्तों के लिए अल्पाहार की व्यवस्था की जाती है।

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