होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए डायल हंड्रेड जैसी हेल्पलाइन सुविधा

1075 नंबर लगाने से डिस्ट्रिक कोविड कमांड सेंटर पर लगेगा फोन, एक्टिव केस बढ़े तो स्टाफ बढ़ायाजानकारी का प्रचार-प्रसार न होने से लोग हो रहे परेशान, 24 घंटे 5 डॉक्टरों व 20 कर्मचारियों की टीम तैनात

<p>1075 नंबर लगाने से डिस्ट्रिक कोविड कमांड सेंटर पर लगेगा फोन</p>
छतरपुर। जिले में 1141 एक्टिव केस हैं, जिसमें से 95 को छोड़कर सभी का होम आइसोलेशन पर इलाज किया जा रहा है। होम आइसोलेट किए गए मरीजों के लिए डायल 100 जैसी हेल्पलाइन 1075 संचालित है। जिले के किसी भी कोने से इस नंबर पर फोन लगाने पर जिला अस्पताल में संचालित डिस्ट्रिक कोविड कमांड सेंटर(डीसीसीसी)पर फोन लगता है। 20 कर्मचारी 24 घंटे इस सेंटर के कॉल अटेंड करते हैं। वहीं, सेंटर के प्रभारी डॉ. आनंद असाठी समेत 5 डॉक्टरों की टीम मरीजों को सलाह देने के लिए उपलब्ध रहते है। डिस्ट्रिक कमांड सेंटर से ही होम आइसोलेट मरीजों के स्वास्थ की रोजाना अपडेट ली जाती है। लेकिन किसी मरीज को स्वास्थ से लेकर कोविड के इलाज, दवा संबंधी कोई भी समस्या हो तो इस नंबर पर कॉल करने पर मदद मिल सकती है। लेकिन इसका प्रचार प्रसार कम होने से जिले के मरीजों की इस सुविधा की जानकारी नहीं होने से परेशान हैं। वहीं, दूसरी ओर कोविड के अलावा अन्य समस्याओं के लिए भी लोग कोविड कमांड सेंटर फोन लगा रहे हैं, जिससे व्यवस्था गड़बड़ा रही है।
कुछ दिन से डगमगाई व्यवस्था
शहर के नरसिंहगढ़ पुरवा निवासी एक वरिष्ठ नागरिक कोरोना पॉजिटिव हो गए। इसके बाद उनके परिवार के तीन सदस्य और कोरोना पॉजिटिव हो गए। उनके परिवार में केवल एक युवा ही कोरोना से बचा हुआ है। इस परिवार को पॉजिटिव हुए तीन दिन से अधिक का समय हो गया न तो इन्हें स्वास्थ्य विभाग से किसी ने यह बताया कि क्या दवा लेना और कैसे लेना है। चारों वृद्ध खांसी, बुखार और दर्द से घर में परेशान हैं। इस दौरान युवा को कोविड कमांड सेंटर पर फोन लगाने की सलाह दी गई। खजुराहो के विद्याधर कॉलोनी निवासी एक दंपत्ती कोरोना पॉजिटिव हैं। वे एक सप्ताह से होम आइसोलेशन में हैं। इनके घर में दो छोटे-छोटे बच्चे और वृद्ध मां हैं। परिवार का एक भी सदस्य ऐसा नहीं है जो बाजार से दवा ला सकें। इस दंपत्ती ने बताया कि उनके यहां चार दिन पहले तक टेली मेडिसन सेंटर से कॉल आता रहा है लेकिन अब तीन दिन से कोई कॉल नहीं आई है न ही उनकी जानकारी ली जा रही है।
सबसे ज्यादा संदिग्ध परेशान
जिले से रोजाना लिए जा रहे 400 से ज्यादा आरटीपीसीआर सैंपल की रिपोर्ट तीसरे दिन आ रही हैं। ऐसे में संदिग्ध मरीज सबसे ज्यादा परेशान हैं। क्योंकि रिपोर्ट न आने से उनका इलाज शुरु नहीं हो पाता है। वहीं रिपोर्ट के इंतजार के दौरान स्वास्थ संबंधी कोई परेशानी हो तो ऐसे संदिग्धों को जानकारी न होने से डॉक्टरी सलाह भी नहीं मिल पाती है। ऐसे मरीज पॉजिटिव न होने से इनका इलाज शुरु नहीं होता है, न ही उन्हें अपनी दिनचर्या, आहार, दवा के बारे में कोई चिकित्सकीय सलाह मिल पाती है। ऐसे होम आइसोलेशन किट में मिलने वाले निर्देश, फोन नंबर आदि भी इनके पास न होने से सबसे ज्यादा परेशानी ऐसे संदिग्धों को उठानी पड़ रही है।
अनावश्यक कॉल कर परेशान करते हैं लोग
डीसीसीसी सेंटर के प्रभारी डॉ. आनंद असाटी ने बताया कि कोरोना संक्रमित होमआइसोलेट मरीजों के लिए डिस्ट्रिक कोविड कंमाड सेंटर से सभी तरह की सलाह और मदद दी जाती है। मरीजों का फॉलोअप लिया जाता है। इसके अलावा कोविड से संबंधित अन्य जानकारियां जैसे डॉक्टर कौन उपलब्ध है, बेड कहां उपलब्ध है, नजदीकी जांच सेंटर के बार में जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। हालांकि कुछ लोग कोरोना से अलग बातों व समस्याओं के लिए कॉल करते हैं। जिससे परेशानी होती है। कोई पानी की समस्या, तो कोई सब्जी राशन महंगा मिलने की शिकायत कर रहा है। कोरोना कफ्र्यू में लोगों के बाहर घूमने की शिकायत तक लोग कोविड सेंटर से कर रहे हैं। क मांड सेंटर कोरोना से संबंधी मदद के लिए बनाया गया है, लेकिन अनावश्यक फोन लगाकर लोग कर्मचारियों को परेशान कर रहे हैं। जिससे जरूरमद मरीजों को सहायत मिलने में परेशानी हो रही है।
एक्टिव केस बढ़े तो कंट्रोल रुम में स्टाफ बढ़ाया
जिले में कोविड मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अप्रेल माह में एक दिन में 303 पॉजिटिव का आंकड़ा पहुंच गया है। ऐसे में ेेएक्टिव केसों की संख्या भी 1100 को पार कर गई है। डिस्ट्रिक कंट्रोल कंमाड सेंटर पर कॉल अटेंड करने के लिए 24 घंटे की तीन शिफ्ट में 8 कर्मचारी काम कर रहे थे, लोड बढऩे पर सोमवार को सेंटर को 10 और कर्मचारी दिए गए, ताकि एक्टिव मरीजों के अनुपात में स्टाफ हो। अब सेंटर में प्रभारी समेत 5 डॉक्टर और 20 अटेंडर की टीम काम करेगी। इससे होम आइसोलेट मरीजों का डेली फॉलोअप हो सकेगा।
बेहतर करने की कर रहे कोशिश
डिस्ट्रिक कोविड कमांड सेंटर से होम आइसोलेट मरीजों को चिकित्सकीय सलाह देने के साथ काउंसलिंग भी की जा रही है। सेंटर में हर समय डॉक्टर, काउंसलर और डाटा ऑपरेटर काम कर रहे हैं। एक डॉक्टर समेत तीन लोग पॉजिटिव होने से समस्या आई है। वहीं कुछ लोग अनावश्यक फोन कर परेशान कर रहे हैं। फिर भी हम मौजूदा स्टाफ के साथ बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं।
डॉ. आनंद असाटी, प्रभारी, डीसीसीसी
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