ये है धारा 305
भारतीय दंड संहिता की धारा 305 के अनुसार, यदि कोई नाबालिग आत्महत्या कर ले तो जो भी कोई ऐसी आत्महत्या के किए जाने का दुष्प्रेरण करेगा वह मृत्युदंड या आजीवन कारावास या कारावास की सजा दी जाती है। हालांकि सजा की अवधि दस वर्ष से अधिक की नहीं होगी। ऐसे मामले में कारावास के साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है। जिसकी सुनवाई सत्र न्यायालय में की जाएगी। ऐसे अपराध में कोई समझौता भी नहीं किया जा सकता है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 305 के अनुसार, यदि कोई नाबालिग आत्महत्या कर ले तो जो भी कोई ऐसी आत्महत्या के किए जाने का दुष्प्रेरण करेगा वह मृत्युदंड या आजीवन कारावास या कारावास की सजा दी जाती है। हालांकि सजा की अवधि दस वर्ष से अधिक की नहीं होगी। ऐसे मामले में कारावास के साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है। जिसकी सुनवाई सत्र न्यायालय में की जाएगी। ऐसे अपराध में कोई समझौता भी नहीं किया जा सकता है।
सिंगापुर की है फ्री फायर कंपनी
फ्री फायर गेम सिंगापुर में बनाया गया है। फ्री फायर को बनाने वाली कंपनी 111 डॉट्स स्टूडियो सिंगापुर की एक कंपनी है। फ्री फायर को गरेना फ्री फायर और फ्री फायर बैटलग्राउंड के नाम से भी जाना जाता है। फॉरेस्ट ली फ्री फायर के फाउंडर हैं। फॉरेस्ट ली वर्तमान में अपनी कंपनी गरेना के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में कार्यरत हैं। एंड्रायड मोबाइल पर खेले जाने वाले इस खेल में खेल में पचास से अधिक खिलाड़ी होते हैं, जो दूसरे खिलाडिय़ों को मारने के लिए हथियारों और उपकरणों की तलाश में एक द्वीप पर पैराशूट से गिरते हैं। खिलाडिय़ों को अन्य खिलाडिय़ों को मारकर जीतना होता है।
फ्री फायर गेम सिंगापुर में बनाया गया है। फ्री फायर को बनाने वाली कंपनी 111 डॉट्स स्टूडियो सिंगापुर की एक कंपनी है। फ्री फायर को गरेना फ्री फायर और फ्री फायर बैटलग्राउंड के नाम से भी जाना जाता है। फॉरेस्ट ली फ्री फायर के फाउंडर हैं। फॉरेस्ट ली वर्तमान में अपनी कंपनी गरेना के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में कार्यरत हैं। एंड्रायड मोबाइल पर खेले जाने वाले इस खेल में खेल में पचास से अधिक खिलाड़ी होते हैं, जो दूसरे खिलाडिय़ों को मारने के लिए हथियारों और उपकरणों की तलाश में एक द्वीप पर पैराशूट से गिरते हैं। खिलाडिय़ों को अन्य खिलाडिय़ों को मारकर जीतना होता है।
संचालक पर दर्ज किया केस
कृष्णा पांडेय ने सुसाइड नोट में फ्री फायर कंपनी का नाम लिखा है। गेम के संचालकों द्वारा बच्चे को फोन लगाया जाता था। उसकी मां की खाते से 40 हजार रुपए निकाले गए, जिससे बच्चा डिप्रेशन में आकर सुसाइड कर लिया। आइपीसी की धारा 305 के तहत ेके स दर्ज किया गया है।
शशांक जैन, पुलिस प्रवक्ता एवं डीएसपी
कृष्णा पांडेय ने सुसाइड नोट में फ्री फायर कंपनी का नाम लिखा है। गेम के संचालकों द्वारा बच्चे को फोन लगाया जाता था। उसकी मां की खाते से 40 हजार रुपए निकाले गए, जिससे बच्चा डिप्रेशन में आकर सुसाइड कर लिया। आइपीसी की धारा 305 के तहत ेके स दर्ज किया गया है।
शशांक जैन, पुलिस प्रवक्ता एवं डीएसपी