14 साल के लड़के की रिपोर्ट आई पॉजिटिव, अब जिले में दो केस एक्टिव

खेल में सिलेक्शन होने पर बच्चे ने सागर में दिया सैंपल, पॉजिटिव मिलाइधर, 58 सेंटरों पर 10686 लोगों को लगा टीका, सैंकड डोज लगवाने से बच रहे लोग

<p>सैंकड डोज लगवाने से बच रहे लोग</p>
छतरपुर। बुधवार को जिले के 744 सैंपल की जांच निगेटिव आई, लेकिन खेल प्रतियोगिता में सिलेक्शन के बाद टेस्ट रिपोर्ट की अनिवार्यता के चलते लवकुशनगर के 14 साल के लड़के ने सागर में टेस्ट कराया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 2 अगस्त को दिए गए सैंपल की रिपोर्ट बुधवार को आने के बाद लड़के को जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती किया गया है। हालांकि बच्चे में कोविड के सामान्य लक्षण ही है। जिले में अब कोविड के एक्टिव केस 2 हो गए हैं। जिले में अबतक कुल 9832 पॉजिटिव मिले हैं। जिसमें से 9675 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं।
एक समान रफ्तार से चला वैक्सीनेशन
मंगलवार को जिले के 58 केन्द्रों पर वैक्सीनेशन किया गया। सुबह 10 बजे से शुरु हुए वैक्सीनेशन सेशन में शाम 6 बजे तक 10686 लोगों ने टीका लगवाया। जिले में अब कुल 6 लाख 36 हजार 11 लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। जिसमें से 5 लाख 52 हजार 24 लोगों को पहला और 84 हजार 87 लोगों को टीका के दोनों डोज लगाए गए हैं। जिले में कोविड वैक्सीनेशन के लिए आम लोगों में जागरूकता आ चुकी है। लेकिन अभी भी पहला डोज लगवा चुके व्यक्ति सेकंड डोज लगवाने में लापरवाही बरत रहे है। लोगों से अपील की गई है कि तय समय पर ही सेकंड डोज लगवाए जिससे शरीर में प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण हो सके। यदि कोवैक्सीन का पहला डोज लगा है तो दूसरा डोज 28 दिन के बाद और कोवीशील्ड लगी है तो 84 दिन के बाद दूसरा डोज लगाना जरूरी है।
सेंकड डोज लगवाने की अपील
कोवीशील्ड लगवाने वाले 72589 तथा कोवैक्सीन लगवाने वाले 13996 व्यक्तियों द्वारा सेकंड डोज नही लगवाया गया है। कोविड संक्रमण से बचाव में अकेले प्रथम डोज पर्याप्त नहीं है। दोनों डोज लगने के बाद ही शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बनने से व्यक्ति की जान को कोविड संक्रमण से कम खतरा होता है। दोनों डोज लगने के बाद ही वैक्सीन का प्रमाण पत्र ऑनलाइन मिलता है। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार प्रजापति ने छतरपुर शहर के नगरवासियों से अनुरोध है कि सोमवार, बुधवार, गुरूवार, तथा शनिवार को शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय न.1 में कोवीशील्ड एवं शासकीय हायरसेकंडरी स्कूल न.2 में को वैक्सीन के सेकंड डोज के लिए तो ग्रामीण क्षेत्र के व्यक्ति संबंधित विकासखण्ड मुख्यालय में तय समय पर पहुंचे।
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