कोयम्बत्तूर में इडली वाली अम्मा जी कमलाथल सालों से सांभर, चटनी के साथ लोगों को एक रुपए में इडली खिलाती आ रही हैं। उनकी ख्याति एक रुपए की इडली वाली अम्मा के रूप में है। इडली वाली अम्मा ने कमलाथल ने बीते दिनों खूब चर्च बटोरी।
अब रामेश्वरम के अग्नि तीर्थम में रहने वाली एक 70 वर्षीया बुजुर्ग महिला रानी की अदम्य भावना सामने आई है फुटपाथ पर दुकान चलाने वाली यह महिला गरीबों को मुफ्त में इडली खिलाती हैं।
इस उम्र में भी रानी वह इडली, सांभर-नारियल की चटनी के साथ रोजाना गरीब लोगों को खिलाती है। रानी का कहना है कि वह इडली की एक थाली के लिए 30 रुपए लेती हैं, लेकिन ग्राहकों पर पैसे के लिए जोर नहीं डालतीं। दरअसल यहां कोई गरीब और निर्धन आकर खा सकता है। अगर किसी के पास पैसे नहीं होते तो भी वह मुफ्त में लोगों को इडली-सांभर खिलाती है।
रानी अभी भी खाना पकाने के लिए ईंधन के रूप में लकड़ी के चूल्हे का ही इस्तेमाल करती हैं। उनके लिए यह एक तरह से सामाजिक व्यापार है। इसमें मुनाफे से अधिक सेवा भाव जुड़ा है।
गौरतलब है कि तमिलनाडु के कोम्बत्तूर जिले की 8५ साल की महिला कमलाथल अपने गांव में काम करने वाले मजदूरों को सिर्फ एक रुपए में भर प्लेट इडली और सांभर खिलाती हैं।
कमलाथल की कहानी सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैली, जब बिजनेस टायकून महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने उन्हें एक साधारण झोपड़ी में इडली तैयार करते हुए वीडियो शेयर किया।
लकड़ी के चूल्हे पर इडली पकाते पकाते कमलातल 85 की उम्र पार कर चुकी है। पर सोशल मीडिया के इस दौर में उनकी कहानी देश के नामी गिरामी लोगों तक पहुंचने के बाद उनका कम थोड़ा आसान हुआ है। उद्योगपति आनंद महिंद्रा और धर्मेंद्र प्रधान के हस्तक्षेप की वजह से उन्हें मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन जो मिल गया है।
यहां छोटे ढाबों में आमतौर पर जहां इडली 10 रुपये और बड़े रेस्तरां में 50 रुपये तक में मिलती है, लेकिन कमलाथल हैं कि अपने ठीहे पर पिछले 30 साल से लोगों की भूख शांत करने के लिए सस्ती इडली का यह अनोखा व्यापार कर रही हैं। इस उम्र में भी वह सांभर-नारियल की चटनी के साथ रोजाना करीब 600 इडली एक रुपये के हिसाब से ही बेच रही हैं।