ट्रांसजेंडरों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की अनूठी पहल

ट्रांसजेंडरों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की अनूठी पहल- ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए तमिलनाडु का पहला आश्रय गृह- मुफ्त रहने और भोजन समेत अन्य सुविधाएं

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चेन्नई. अब ट्रांसजेंडरों को मुख्य धारा से जोड़नाका प्रयास किया जा रहा है। इसी मुहिम के तहत उन्हें विभिन्न पाठ्यक्रमों में दक्ष बनाया जाएगा। सिलाई, सौंदर्य पाठ्यक्रम, जूट बैग बनाना, आभूषण बनाना, साबुन बनाना, मोमबत्ती बनाना और कंप्यूटर समेत अन्य प्रशिक्षण देकर उन्हें विभिन्न जगहों पर नौकरी भी दिलाई जाएगी। कोलाथुर में ट्रांसजेंडरों के लिए बनाए आश्रय गृह में कुछ ऐसी ही व्यवस्थाएं की गई है। ट्रांसजेंडरों के अधिकारों का संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन इसकी स्थापना की गई है। तमिलनाडु में इस तरह का यह पहला आश्रय स्थल है। देशभर में ऐसे 13 स्थल बनाए गए हैं।
जीवन स्तर को बनाया जाएगा बेहतर
ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए अब इस आश्रय स्थल के माध्यम से उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की दिशा में काम किया जाएगा। उनका जीवन स्तर बेहतर बन सकेगा। आश्रय स्थल में उन्हें ऱहने व भोजन की निशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यहां उन्हें बेहतर मंच मुहैया कराए जाएगा। उनकी योग्यता एवं पढ़ाई के अनुसार उन्हें कौशल बनाया जाएगा। यहां से काम सीखकर वे खुद अपनी आजीविका चला सकेंगे। यानी उनके जीवन को सही दिशा में ले जाने की दिशा में यहां साकार प्रयास होगा।
कई तरह के पाठ्यक्रम सिखाएंगे
यहां कई तरह के पाठ्यक्रम भी चलाए जाएंगे। उनके लिए नौकरियां भी उपलब्ध करवाई जााएगी। यहां रहने वाले ट्रांसजेंडरों का कहना है कि पहले वे रहने के लिए हॉस्टल खोज रहे थे लेकिन अब यहां आकर उनकी यह चिंता दूर हो गई है। यहां घर के जैसा माहौल मिल रहा है। कई ट्रांसजेंडर स्नातक व स्नातकोत्तर कर चुके हैं। उनकी इच्छा सरकारी नौकरी की है। वे चाहते हैं के उनका योगदान भी समाज के लिए उपलब्ध हो सके। एक ट्रांसजेंडर ने बताया कि जब उसे यहां के बारे में पता चला तो वह खोजते हुए यहां तक पहुंच गया। यहां का वातावरण देखकर खुशी की अनुभूति हुई।
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जल्द शुरू करेंगे स्पोकन अंग्रेजी
हम यहां अगले सप्ताह से स्पोगन अंग्रेजी की कक्षा शुरू करेंगे। इसी साल मार्च में इसे शुरू किया जाना था लेकिन लॉकडाउन के चलते अभी 15 अप्रेल से इसकी शुरुआत की गई है। अभी यहां आठ ट्रांसजेंडर निवास कर रहे हैं जबकि 15 ट्रांसजेंडर की क्षमता है। देशभर में ऐसे 13 स्थल खोले गए हैं। तमिलनाडु में यह पहला है। अभी यहां रहने वाले ट्रांसजेंडर के लिए अच्छा वातावरण उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्हें रोजाना योगासन करवा रहे हैं। कुछ दिनों के बाद उनकी पढ़ाई के हिसाब से उन्हें अलग-अलग स्कील में पारंगत बनाया जाएगा।
– ओलगा, प्रोग्राम मैनेजर।
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