पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान स्टालिन ने नेताओं से उनके संबंधित क्षेत्रों में डीएमके के पक्ष और उनके खिलाफ काम करने वाले कारकों के बारे में पूछताछ की। गहन अभियान के बावजूद चेन्नई समेत कुछ अन्य जिलों में मतदान के कम प्रतिशत को लेकर स्टालिन चिंतित थे। स्टालिन ने चुनाव के दौरान किए गए खर्च के बारे में भी पूछताछ की।
यह प्रक्रिया अगले दस दिन तक जारी रहेगी। इससे पहले गुरुवार को ईवी वेलू, सुब्बुलक्ष्मी, जगदीशन, कार्तिकेयन शिवसेनापति और एस. इनिंगो के अलावा कुछ जिला सचिवों और चुनाव प्रभारियों ने पार्टी मुख्यालय में स्टालिन से मुलाकात की।
मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में सुब्बुलक्ष्मी ने बताया कि बैठक के दौरान हमने विपक्षी दलों द्वारा उत्पन्न की गई समस्याएं बताई और मतदान प्रतिशत पर चर्चा की। स्टालिन ने सभी से कोरोना राहत उपाय शुरू कर लोगों की मदद करने का भी निर्देश दिया।
मतदाता स्लिप का वितरण ठीक से नहीं हुआ
महानगर से पीके शेखर बाबू, वेट्री अझगन, त्यागम कवी और परनतामेन ने स्टालिन से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बूथ स्लिप का वितरण ठीक से नहीं किया गया और कई लोगों के नाम मतदाता सूची से गायब थे।
इससे पहले स्टालिन ने ओंड्रइनैवोम वा अभियान की समीक्षा कर पार्टी कार्यकर्ताओं से कोरोना की दूसरी लहर को लेकर लोगों को शिक्षित करने तथा लोगों में मास्क और सेनिटाइजर का वितरण करने का भी आग्रह किया।
पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह करते हुए स्टालिन ने कहा कि निश्चित रूप से हमें अच्छी जीत मिलेगी, लेकिन उसका इंतजार नहीं करना चाहिए, बल्कि मिलकर लोगों की सेवा में लग जाना चाहिए। डीएमके ऐसी पार्टी है जो सिर्फ चुनाव के समय नहीं बल्कि हमेशा लोगों के साथ जुड़ी रहती है।
उन्होंने कहा कि मेडिकल विशेषज्ञों ने कोरोना के दूसरे लहर की चेतावनी दी है, इसलिए सभी को इसके बारे में शिक्षित करना चाहिए। लोगों को कबसुर कुडीनीर काढ़ा प्रदान करने के साथ मास्क और सेनिटाइजर भी दिया जाए।