TN : पीएमके का आम करेगा एनडीए के दांत खट्टे

स्थानीय निकाय चुनाव ने बदली दिशा
तमिलनाडु में एनडीए गठबंधन हुआ अशक्त
 
 

<p>TN : पीएमके का आम करेगा एनडीए के दांत खट्टे</p>
चेन्नई. नौ नए जिलों में हुए निकाय चुनाव के परिणाम तमिलनाडु में नए राजनीतिक समीकरण की नींव डाल चुके हैं। डीएमके नीत संप्रग आसमान पर तो अन्नाद्रमुक की अगुवाई वाली एनडीए धरातल पर है। ऐसे में पाला बदलने में माहिर पाट्टाली मक्कल कच्ची (पीएमके) नया मार्ग अख्तियार करने के संकेत दे चुकी है।
नौ जिलों में जिला पंचायत प्रधान, पंचायत यूनियन के सदस्य, सरपंच और वार्ड पार्षद के चुनाव हुए थे। डीएमके ने विधानसभा में लिखी इबारत को दोहराया। ६८.२६ मत प्रतिशत और १३८ जिला परिषदों में जीत के साथ उसने स्पष्ट कर दिया कि वक्त उसका है। दस साल लगातार सत्ता में काबिज अन्नाद्रमुक दो वार्ड पर ही सिमट गई। उससे बेहतर प्रदर्शन कांग्रेस ने किया है जिसके हाथ पांच सीटें लगी हैं।
एनडीए में होच-पोच
समग्र रूप से डीएमके के सभी घटक दलों के शानदार प्रदर्शन से एनडीए और कमजोर हुई है। ईपीएस-ओपीएस का नेतृत्व संगठन नहीं संभाल पा रहा है। भाजपा ने भले ही विधानसभा में जीत का स्वाद चखा हो लेकिन अब उसका जायका बिगड़ चुका है। पीएमके ने चुनाव के पहले ही बगावत के संकेत दे दिए थे। वह अपनी बुनियाद टटोलना चाहती थी। पीएमके के ४७ पंचायत यूनियन और ८ जिला वार्ड सदस्य जीते हैं। यह वह पार्टी है जिसके कभी १८ विधायक और ६ लोकसभा सांसद थे। एनडीए के हर सदस्य का प्रदर्शन इस चुनाव में गिरा है जो राज्य में इसे फिर से परिभाषित करेगा।
सीएम प्रत्याशी अन्बुमणि
पीएमके नेताओं की मानें तो अब वे एनडीए का हिस्सा नहीं रहना चाहते। अन्नाद्रमुक से हुआ समझौता भी पूरा हो चुका है। पीएमके युवा इकाई के नेता डा. अन्बुमणि रामदास को राज्यसभा भेजा जा चुका है। अब उसे इस गठबंधन से कुछ हासिल नहीं होने वाला है। लिहाजा अब वह एकला चलो की नीति अपनाते संगठन को मजबूत करेगी। अन्बुमणि रामदास को अगले सीएम के रूप में पेश कर जमीनी कार्य आरंभ किया जाएगा। पीएमके ने विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक और भाजपा के साथ के बाद भी सिर्फ ४.०४ प्रतिशत वोट हासिल किए थे।

चुनाव लड़े जीते
विस चुनाव २०२१ २३ ५
लोस चुनाव २०१९ ७ ०
विस चुनाव २०१६ २३४ ०
लोस चुनाव २०१४ ८ १
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