तमिलनाडु में कोविड समेत अन्य कारणों से सवा लाख छात्र स्कूल छोड़ने को मजबूर

तमिलनाडु में कोविड समेत अन्य कारणों से सवा लाख छात्र स्कूल छोड़ने को मजबूर- पचास हजार से अधिक शिक्षकों ने किया घर-घर सर्वेक्षण, छात्रों को फिर से स्कूल का रूख कराने में मिली कामयाबी- ड्रॉपआउट को कम करने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना

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चेन्नई. कोरोना महामारी ने सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 1.25 लाख से अधिक छात्रों को विभिन्न कारणों से स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर किया है। हालांकि शिक्षकों ने स्थानीय निकायों की मदद से स्कूल छोड़ने वालों को प्रभावी ढंग से बहाल करने के लिए कड़ी मेहनत की। पूरे तमिलनाडु में प्राथमिक और मीडिल स्तर के स्कूल पिछले डेढ़ साल से कोरोना महामारी के चलते बंद थे।
स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य भर में घर-घर सर्वेक्षण किया, जिसमें 50,000 से अधिक शिक्षकों को शामिल किया गया, ताकि स्कूल छोड़ने वालों की पहचान की जा सके। स्कूल शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान छात्रों की एक विस्तृत सूची संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा तैयार की गई थी। सरकारी स्कूलों के करीब 55,000 शिक्षक छात्रों के घरों तक पहुंचे। पता चला कि अधिकांश छात्र या तो दूसरी जगह चले गए हैं या फिर वे कोई काम करने लगे हैं।
शिक्षकों और स्थानीय निकायों की मदद से उन सभी को सहायता और मार्गदर्शन प्रदान किया गया। अधिकारी ने कहा कि एक नवंबर से कक्षा एक से आठवीं तक के छात्रों के लिए स्कूलों के दोबारा खुलने तक सर्वेक्षण जारी रहेगा। एक बार स्कूल दोबारा खुल जाने के बाद शिक्षक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि प्रवेश सूची के अनुसार सभी छात्र कक्षाओं में शामिल हों।
विशेष प्रोत्साहन योजना
सरकार ने ड्रॉपआउट को कम करने के लिए एक विशेष प्रोत्साहन योजना तुरंत लागू की है। कक्षा 10 और 11 में पढ़ने वाले छात्रों के लिए 1,500 रुपए और सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 12 में पढ़ने वाले छात्रों के लिए 2,000 रुपए की वित्तीय सहायता जल्द ही प्रदान की जाएगी। तमिलनाडु पावर फाइनेंस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन में जमा की गई और राशि छात्रों को उनकी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी होने पर वितरित की जाएगी।
ड्रॉपआउट्स को स्कूल स्ट्रीम में वापस लाया
तमिलनाडु शिक्षक संघ के अध्यक्ष पीके इलामारन ने कहा, कक्षा 10 के एक छात्र का पता लगाने में दस दिन लगे, जो स्कूल छोड़ चुका था। उसके माता-पिता घर शिफ्ट करने के बाद वर्कशॉप में नौकरी करते है। वह उनकी मदद कर रहा था। शहर के वाशरमैनपेट में एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के शिक्षकने कहा कि उनके संस्थानों के 30 से अधिक छात्र विभिन्न कारणों से स्कूल छोड़ चुके थे। इन ड्रॉपआउट्स को स्कूल स्ट्रीम में वापस लाया गया है।
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