निवार चक्रवात से निपटने के लिए रातभर डटे रहे फ्रंटलाइन वर्कर्स ने बटोरी तारीफ

Cyclone Nivar, Weather Today Live Updates: – तूफान के बाद पेड़ व मलबा हटाने का काम शुरू- निगम के कर्मचािरयों ने बटोरी तारीफ

<p>People Thank Frontline Workers For Their Help Services During After Cyclone Nivar</p>

चेन्नई.

चक्रवाती तूफान आने की खबर से खासकर पुदुचेरी और तमिलनाडु में में दहशत का आलम था। लेकिन तूफान का कहर वैसा नहीं हुआ, जैसी आशंका थी। इससे दोनों राज्यों के सरकारों ने राहत की सांस ली है। अलबत्ता निवार नाम के इस तूफान और भारी बारिश ने तीन लोगों की जान ले ली और तीन जनें घायल हुए।

जान-माल का नुकसान अंदेशों के मुकाबले कम हुआ। तूफान की चेतावनी काफी पहले जारी कर दी गई थी और उससे निपटने के लिए तैयारी का पर्याप्त वक्त मिल गया था। इस बार भी मौसम विभाग ने पांच दिन पहले चक्रवाती तूफान आने की चेतावनी दे दी थी। बीच-बीच में जो सूचनाएं जारी की गईं वे भी सटीक निकलीं, जिससे गलतफहमी की कोई गुंजाइश नहीं रही। अगर पिछले साल की तुलना में इस बार नुकसान का आंकड़ा और भी कम रहा, तो तैयारी के लिए मिले वक्त के अलावा एक खास वजह यह भी है कि उसकी तूफान की रफ्तार कम थी।

नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि तूफान की तीव्रता को देखते हुए पहले ही चेतावनी दी गई थी। इस वजह से इससे काफी तबाही होने की आशंका थी, लेकिन आधिकारिक रिपोट्र्स के मुताबिक इसका असर बहुत ज्यादा नहीं रहा। तेज हवा के कारण कई पेड़ सडक़ पर गिर गए। तूफान के गुजरते ही इन्हें हटा दिया गया। चेन्नई में तूफान से गिरे लगभग 90 प्रतिशत पेड़ों को नगर निगम के फ्रंटलाइन वर्कर्स ने रात भर जुटकर हटाया। राजस्व, बिलजी विभाग, चेन्नई मेट्रो वाटर, आग व बचाव, नगर निगम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, , भारतीय तटरक्षक दल, होम गार्ड, पुलिस विभाग, सेना चक्रवात निवार से निपटने के लिए तैयार थी।

चेन्नई नगर निगम की ओर से सुबह 8 बजे जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, तूफान के कारण गिरे 267 में से 233 पेड़ों को रास्तों से हटा दिया गया है। 44 पेड़ों को हटाने का काम जारी है। चेन्नईवासियों ने ट्विटर पर शिकायत के एक घंटे के अंदर कर्मचारियों के काम पर लगने की तारीफ की। तूफान के कारण जिंदगी ज्यादा देर के लिए नहीं थमी, इसका काफी श्रेय चेन्नई समेत तमिलनाडु के प्रभावित जिलों में रातभर काम में जुटे रहे नगर निगम के कर्मचारियों को दिया गया। लोगों ने भी उनकी मेहनत को महसूस किया। यही वजह है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर तारीफ कर उनकी निष्ठा को सलाम किया।

देश के आपदा नियंत्रण तंत्र ने पहले के अनुभवों से बहुत कुछ सीखा है। सुपर कंप्यूटर और डापलर राडार की तकनीकी उपलब्धियों की बढ़ती उपयोगिता साबित हुई है। तूफान की भनक पाने और चेतावनी प्रसारित करने की दक्षता बढ़ी है। आपदा कार्रवाई बल, राज्यों के प्रशासन और सेना के बीच ऐसे समय समन्वय भी बढ़ा है।

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