इस बार ऑनलाइन माध्यम से पूरा कर रहे शौक, लॉकडाउन के चलते समर कैंप हुए ऑनलाइन

इस बार ऑनलाइन माध्यम से पूरा कर रहे शौक- लॉकडाउन के चलते समर कैंप हुए ऑनलाइन

<p>online camp</p>
चेन्नई. इस बार कोरोना एवं लॉकडाउन के चलते समर कैंप के तौर-तरीके बदल गए हैं। कई जगह ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से सिखाया जा रहा है। हर साल ग्रीष्मावकाश के दौरान समर कैंप लगते हैं जिसमें विद्यार्थी कुछ न कुछ नया सीखते हैं। इसके साथ ही विद्यार्थियों का शौक भी पूरा हो जाता है। खेल से लेकर स्पोकन अंग्रेजी, मेहंदी, कूकिंग, व्यक्तित्व विकास, डांस, रंगोली समेत कई तरह के विषयों में विद्यार्थी पारंगत बनते हैं। इस बार ऑनलाइन माध्यम से सिखाया जा रहा है। हालांकि कई शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन शिक्षण इतना प्रभावी नहीं हो पाता है। क्योंकि इसमें मोबाइल, लैपटॉप या डेस्कटॉप के जरिए सिखाया जाता है। ऐसे में हर बच्चे पर ध्यान नहीं दिया जा सकता है। बच्चों में सुधार करना भी इतना आसान नहीं रहता है। शिविर में सीखाने वालों का कहना है कि ऐसे शिविर इसीलिए लगाए जाते हैं कि बच्चे को मंच मिल सके। ऐसे शिविरों के माध्यम से बच्चे आसानी से एवं जल्दी सीख जाते हैं। उनमें छिपी प्रतिभा निखर कर बाहर आती है।
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शिविर से निखरती है प्रतिभा
इस तरह के शिविरों से एक मंच मिल जाता है। वे अपनी प्रतिभा दिखा सकते हैं। मैंने व्यक्तित्व विकास के माध्यम से विभिन्न आयुवर्ग के बच्चों एवं युवाओं को एक मंच उपलब्ध कराया था। उन्हें व्यक्तित्व विकास के बारे में विभिन्न चीजों के बारे में बताया गया ताकि वे खुद में और निखार ला सकें।
– आशा समदड़िया, साहुकारपेट, चेन्नई।
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ऑनलाइन इतना प्रभावी नहीं
मैं पिछले बीस साल से सॉफ्टस्कील ट्रेनर हूं। इस साल लॉकडाउन के कारण किसी तरह की कक्षा नहीं लग रही है। ऑनलाइन कक्षा इतनी प्रभावी नहीं रह पाती है। क्योंकि अपना-अपना टैलेन्ट रहता है जिसे आमने-सामने बैठकर अच्छी तरह से सीखा जा सकता है।
– हितेश डोसी, सॉफ्टस्कील ट्रेनर, चेन्नई।
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कूकिंग का ऑनलाइन कम्पीटिशन
इस बार कूकिंग के कम्पीटिशन ऑनलाइन आयोजित किए हैं। हर बार समर कैंप लगाते हैं जिसके तहत मैरिज पैकिंग, मेहंदी एवं अन्य कलाएं सीखाई जाती है। इस बार कोरोना एवं लॉकडाउन के कारण इस तरह की कक्षाएं नहीं लगाई गई है।
– बबीता बैद, चेन्नई।
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