7.5 प्रतिशत आरक्षण बिल को लेकर राजनीति कर रहे स्टालिन : षणमुगम

सी. वी. षणमुगम ने आरोप लगाया कि डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन जानते हैं कि 7.5 प्रतिशत आरक्षण बिल को मंजूरी मिलनी है लेकिन राजनीतिक लाभ तलाशने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

<p>7.5 प्रतिशत आरक्षण बिल को लेकर राजनीति कर रहे स्टालिन : षणमुगम</p>

विल्लुपुरम. विधि मंत्री सी. वी. षणमुगम ने आरोप लगाया कि डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन जानते हैं कि 7.5 प्रतिशत आरक्षण बिल को मंजूरी मिलनी है लेकिन राजनीतिक लाभ तलाशने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को एक समारोह में भाग लेने के बाद पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा कि नीट पास सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को साढ़े सात प्रतिशत आरक्षण देने का बिल मुख्यमंत्री पलनीस्वामी की अगुवाई वाली सरकार ने पारित कर राज्यपाल की अनुमति के लिए भेजा है। पांच मंत्रियों के समूह ने निजी रूप से बिल को लेकर राज्यपाल से भेंट की। उनके भी बिल को लेकर कुछ सवाल थे जिनके हमने जवाब दिया। उम्मीद है कि 20 दिन से पहले सहमति मिल जाएगी। सीएम को उनकी इस नेक पहल का श्रेय नहीं मिल जाए इसलिए डीएमके विरोध प्रदर्शन कर रही है।

नीट पर केन्द्र ने अंधेरे में रखा

स्टालिन ने कहा कि वर्ष 2017 में एआईएडीएमके सरकार ने नीट को खत्म करने को लेकर एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा था। हालांकि केंद्र ने प्रस्ताव को वापस भेज दिया था, लेकिन राज्य के लोगों को अंधेरे में रखा गया। इसके बारे में सभी को 23 महीनों के बाद तब पता चला था जब सरकार ने कोर्ट को जानकारी दी थी। स्टालिन ने कहा कानून मंत्री सीवी षणमुगम ने विधानसभा में कहा था कि नीट को राज्य में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा एआईएडीएमके जनरल काउंसिल और घोषणापत्र में भी स्पष्ट कहा था कि नीट को अनुमति नहीं दी जाएगी। लेकिन केंद्र ने राज्य पर इसे थोप दिया और मुख्यमंत्री शांति से बैठे रह गए।

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