केंद्र सरकार के जारी आंकड़े चौंकाने वाले हैं कि तमिलनाडु में मार्च महीने में नए रोजगार ५६ प्रतिशत तक घट गए। यह आंकड़े निश्चित रूप से संगठित क्षेत्र के हैं। असंगठित क्षेत्र और अपंजीयत कर्मचारियों व मजदूर वर्गों के आंकड़े संभवत: इसमें नहीं है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों के अनुसार मार्च महीने में तमिलनाडु के मानव संसाधन कार्यबल में ५८ हजार ९४८ लोग जुड़े हैं। जबकि इससे ठीक एक महीने पहले फरवरी में यह संख्या १ लाख ३२ हजार ४९९ थी। अप्रेल-मई महीने में यह संख्या और गिरना तय है जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
आर्थिक विश्लेषक के अनुसार खराब दौर अभी शुरू हुआ है जो आने वाले महीनों में बदतर हो सकता है। अप्रेल और मई महीने में रोजगार की दर में क्रमश: बीस से दस प्रतिशत तक की गिरावट होनी लगभग तय है। चिंताजनक विषय २९-३५ आयु वर्ग के लोगों के लिए हैं। अपनी आय के आधार पर इन लोगों ने कई तरह के वित्तीय समझौते कर रखे होते हैं। आमदनी बंद होने का सीधा असर इनके दिल-दिमाग पर पड़ेगा।
सर्विस सेक्टर पर पड़ेगी मार
तमिलनाडु में अगले छह महीने तक स्थिति मेे सुधार की गुंजाइश नहीं है। सबसे ज्यादा मार सर्विस सेक्टर पड़ेगी। सर्विस सेक्टर में छोटे-बड़े सभी तरह के काम शामिल हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार की बात की जाए तो लगभग २५ प्रतिशत की गिरावट के आसार हैं।
राजेंद्र कुमार पी., चार्टड एकाउंटेंट कार्पोरेट स्वतंत्र निदेशक
हर आयु वर्ग में गिरावट
ईपीएफओ के अनुसार यह कमी हर आयुवर्ग में नजर आई है। गिरावट का यह प्रतिशत फरवरी माह से तुलना के आधार पर है।
आयु गिरावट %
18 से कम 63 %
29-35 – 58.9 %
35 से ऊपर 56.5%