देश के पहले 3डी प्रिंटेड डाफिंग यूनिट का विकास

-फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर को मिलेगी सुरक्षा
-डाक्टर, नर्स एवं अन्य हेल्थकेयर वर्कर अपना शिफ्ट खत्म होने के बाद खुद को सेनेटाइज कर सकेंगे
-सुरक्षित पीपीई किट हटाने के बाद उनका उचित निस्तारण होगा

<p>देश के पहले 3डी प्रिंटेड डाफिंग यूनिट का विकास</p>
चेन्नई.
आईआईटी मद्रास के पूर्व विद्यार्थियों के डीप टेक स्टार्टअप त्वस्त मैन्युफैक्चरिंग सॉल्यूशंस ने सेंट-गोबेन से 3 डी-प्रिंटेड डॉफिंग यूनिट बनाने का करार किया है जो अग्रिम पंक्ति के भारतीय स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 से बेहतर सुरक्षा देगी। इसकी दो यूनिट कार्यरत कर दी गई है जबकि तीसरी निर्माणाधीन है। पहली बार तैयार यह यूनिट चेन्नई के पास कांचीपुरम के एक सरकारी अस्पताल में उपयोग में है। दूसरी यूनिट ओमंदुरर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में लगाई गई है और तीसरी डाफिंग यूनिट की आधार शिला सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल तिरुवल्लुवर में रखी गई है।
डॉफिंग पीपीई उतारने और उचित तरीके से फेंकने की प्रभावी और सुरक्षित की प्रक्रिया है। डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के शिफ्ट पूरा होने के बाद उन्हें सैनीटाइज करने, पीपीई किट उतारने और सुरक्षित फेंकने में डाफिंग यूनिट का विशेष महत्व है। यह सुनिश्चित करती है कि स्वास्थ्यकर्मी के साथ संक्रमण उनके घर तक पहुंचने का जोखिम नहीं रहे।
ये हैं लाभ

3 डी प्रिंटेड डाफिंग यूनिट का सबसे बड़ा लाभ यह है कि कोविड-19 के मरीजों से भरे अस्पताल में इस यूनिट को बनाने वाले न्यूनतम समय के लिए रहेंगे। इन यूनिटों की प्रिंटिंग आफसाइट होगी और केवल असेम्बली अस्पताल में होगी। इसकी विशेष संरचना चेन्नई के पेरुंगुडी स्थित त्वस्त के 3डी प्रिंटिंग केंद्र में की गई और मॉड्युलर माध्यम से कंस्ट्रक्शन साइट पहुंचाई गई।
कंक्रीट 3 डी प्रिंटिंग की तकनीक ‘रेडी-टू-इम्प्लीमेंट मेथडोलॉजी’ है अर्थात इस यूनिट के निर्माण के लिए पहले से समय नहीं तय करना होता है और इस तरह निर्माण का समय बहुत कम हो जाता है। यह ‘मेड इन इंडिया’ तकनीक है जो निकट भविष्य में ‘बिल्डिंग’ शब्द को ‘प्रिंटिंग’ में बदल सकती है।
ये डाफिंग यूनिट पूरे देश के लिए मॉडल होगी। इसमें यूवी-सी स्टरलाइजेशन बॉक्स, आटोमैटिक सैनिटाइजर डिस्पेंसर और एक आटोमैटिक सोप डिस्पेंसर जैसे उपकरण लगे होते हैं। यह डाफिंग यूनिट 150 वर्ग फुट का है जिसमें वॉश बेसिन, वाटर क्लोजेट और शॉवर भी हैं। पीपीई उतारने के लिए विशेष च्यूट है ताकि पीपीई से संक्रमण का खतरा न्यूनतम हो जाए।
निर्माण कार्य में त्वस्त की 3डी प्रिंटिंग के लाभ

1.निर्माण की पूरी लागत में भारी कमी

2.निर्माण कार्य बहुत कम समय में पूरा

3.निर्माण के दौरान कार्बन फुटप्रिंट में कमी

4. कार्यरत श्रमिकों की कार्य क्षमता में वृद्धि
5.उचित कच्चा माल चुनने का विकल्प – पर्यावरण अनुकूल सामग्री का अधिक उपयोग
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